30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वाराणसी

होली के रंग और दशहरा, दिपावली की धूम के साथ देशी सैलानी काशी से विदा

तीन दिन तक जीया बनारिसयत को, काशी के कण-कण का उठाया भरपूर लुत्फ, करीब से जानकर ली रुखसत।

Google source verification

वाराणसी. इसे कहते हैं मेजबानी, इसका सलीका कोई काशीवासियों से सीखे। रावण वध के साथ दशहरा बीत चुका है। कई जगह राजा रामचंद्र की राजगद्दी भी हो चुकी है। अब इंतजार है लोगो को दीपावली का। लेकिन ऐसा कुछ हो कि एक साथ एक मंच पर होली, दशहरा, दीपावली सब मना लिया जाए तो उसका क्या लुत्फ होगा। क्या आनंद आएगा इसकी कल्पना ही की जासकती है। लेकिन यह सब हकीकत में उतारा गया। मौका था, देशी-विदेशी सैलानियों की मेजबानी का। उन्हें काशी की संस्कृति, सभ्यता, परंपरा से रू-ब-रू कराने का। ऐसे में सैलानियों ने भी इसका भरपूर लुत्फ उठाया।

बता दें कि भारत समेत आठ देश के लगभग 400 मेहमान तीन दिन पहले बनारस पहुंचे थे। मकसद था, काशी खासकर पूर्वांचल की सोंधी माटी की खुशबु को करीब से जानने और उसे आत्मसात करना। ऐसे में उनके लिए होली, दशहरा और दीपावली को एक साथ मनाया गया। वो भी कुछ इस तरीके से कि लोग उसी के रंग में रच बस गए। नजारा कुछ ऐसा मानो आज ही दीवाली और होली हो।
हॉस्पिटलिटी परचेजिंग मैनेजर्स फोरम ( एचपीएमएफ ) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आयोजन की आखरी निशा के समापन में बिरहा गायक ने अपनी गायकी से लोगों का दिल जीता तो जादूगर किरण और जितेंद्र के करतबों ने मेहमानों को हैरान कर दिया। वाराणसी प्रवास के तीसरे और अंतिम दिन जीवनदीप स्कूल परिसर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जहां ये बनारस की रामलीला संग लोक संगीत की गंगा में गोता लगाया।


वैसे इनका आगाज सुबह- ए-बनारस के लिए मशहूर के गंगा घाटों के दीदार से हुआ। सैलानियों ने गंगा स्नान के साथ सूर्योदय और भगवान भास्कर का दर्शन भी किया। इसके बाद तुलसी घाट पर पहुंचे दल का 108 बटुकों ने स्वस्वर पाठ से स्वागत किया। तुलसी घाट से सटे स्वामीनाथ अखाड़ा में कुश्ती का प्रदर्शन देखा। आयोजन के संयोजक नितिन नागराले ने काशीवासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वास्तव में काशी में दैविक आभा दिखती है और यहां के वाशिंदे देवता सरीके हैं। यही वजह है कि आने वाला हर सैलानी यहां के रंग में रंग जाता है और यहीं का हो के रह जाता है।