
विदिशा। जैन कॉलेज के सामने पाइपलाइन डालने के लिए विवादित जमीन का मुआयना करते नपाध्यक्ष और सीएमओ।,विदिशा। जैन कॉलेज के सामने पाइपलाइन डालने के लिए विवादित जमीन का मुआयना करते नपाध्यक्ष और सीएमओ।
विदिशा। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के हरिपुरा स्थित पंप स्टेशन से सागरपुलिया स्थित पंप स्टेशन को जोडऩे के लिए डाली जा रही मेन पाइपलाइन का मात्र ११० मीटर का काम रेलवे और लोक निर्माण विभाग के जमीनी विवाद के चलते करीब आठ माह से रुका पड़ा है। इसी काम को आगे बढ़ाने के लिए नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन, सीएमओ सुधीर सिंह सहित नपा के अन्य सब इंजीनियर आदि बुधवार की सुबह विवादित स्थल का मुआयना करने पहुंचे और पाइपलाइन डालने के लिए विचार-विमर्श किया।
मालूम हो कि शहर के नालों आदि का दूषित पानी नदी में नहीं मिले जिसके चलते एक बहुत बड़ा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट जतरापुरा क्षेत्र में निर्माणाधीन है। जहां पूरे शहर का सीवेज पहुंचेगा। जिसके लिए पूरे शहर में सीवर लाइन डालने का कार्य भी पूर्ण हो गया है। सीवर की मुख्य पाइपलाइन भी लगभग डाली जा चुकी है। इसके लिए शहर में हरिपुरा क्षेत्र और सागरपुलिया के पास सीवेज पंप स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इन पंप सब स्टेशनों को जोडऩे के लिए हरिपुरा सब स्टेशन से सागरपुलिया तक मेन पाइपलाइन डालने का काम भी दोनों तरफ से लगभग पूरा हो चुका है। सिर्फ जैन कॉलेज के सामने स्थित गेट से मुख्य मार्ग पर ११० मीटर लंबाई की पाइपलाइन डालने का काम शेष रह गया है। इतने से रुके कार्य के चलते यह कार्य अधर में लटका हुआ है।
पाइप डाले, पर काम ही शुरु नहीं हो पा रहा
जैन कॉलेज के पास इस पाइपलाइन के लिए पाइप तो महीनों पहले डाल दिए गए हैं। लेकिन नपा अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही पाइपलाइन डालने के लिए काम की शुरुआत होती है रेलवे वाले आकर काम रूकवा देते हैं। ऐसे में पंप स्टेशन की मुख्य पाइपलाइन डालने का कार्य महीनों से अधर में लटका हुआ है।
1963 के रेकार्ड अनुसार है रेलवे की जमीन
मालूम हो कि उक्त विवादित ११० मीटर की सडक़ भूमि को लोक निर्माण विभाग अपनी बता रहा है। जबकि रेलवे के पास मौजूद रेकार्ड के अनुसार १९६३ के नक्सानुसार यह जमीन रेलवे की है।
रेलवे कह रहा २४ लाख रुपए करो जमा
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन रेलवे की है इसलिए बगैर रेलवे की परमीशन के इस पर कोई निर्माण कार्य नहीं किए जा सकता। नपा अधिकारियों ने बताया कि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यदि यह पाइपलाइन डालना है, तो २४ लाख रुपए की राशि रेलवे के पास जमा करना होगी। तब कहीं जाकर रेलवे यह पाइपलाइन डालने की अनुमति देगा।
इनका कहना है
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के हरिपुरा पंप स्टेशन को सागरपुलिया के पास स्थित पंप स्टेशन से मुख्य पाइपलाइन के माध्यम से जोडऩा है। इसके लिए पूरी पाइपलाइन डल चुकी है। सिर्फ जैन कॉलेज के गेट के सामने से ११० मीटर की जगह पर रेलवे और लोनिवि के बीच विवाद चल रहा है। रेलवे उक्त जमीन को अपना बताकर काम नहीं करने दे रहा है। रेलवे के अनुसार १९६३ के नक्सा में यह जमीन उनकी है। इसके लिए २४ लाख रुपए जमा करने पर पाइपलाइन डालने की बात रेलवे कह रहा है। जिस पर विचार किया जा रहा है।
- सुधीर सिंह, सीएमओ, विदिशा
Published on:
11 Jun 2020 06:03 am
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