
जर्जर कुंए में मिली लाश, देखने वालों की लगी भीड़, जरा सी लापरवाही और दोहरा सकता था लाल पठार हादसा
विदिशा. लाल पठार बासौदा के जर्जर कुएं के धंसकने से काल के गाल में समाए लोगों के ठीक डेढ़ माह बाद विदिशा के द्वारिकापुरी के सामने हनुमान मंदिर के जर्जर कुंए में एक युवक की लाश मिली है। तमाशा देखने आए लोगों को पुलिस हटाती रही कि ऐसा न हो कि इस कुंए का भी कोई हिस्सा धंसक जाए, लेकिन प्रशासन को ऐसे खतरनाक स्थानों की परवाह नहीं। युवक कैसे गिरा सवाल यह नहीं, बल्कि सवाल ये है कि ऐसे जर्जर कुंए कब तक मौत के कुंए बने रहेंगे। कुंए में मिलने वाले शव की शिनाख्त गनपत कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय नारायण कर्ण के रूप में हुई है।
सुबह हनुमान मंदिर जाने वाले लोगों में से किसी ने कुएं में लाश देखकर हल्ला मचाया, तो देखते ही देखते जर जर कुएं पर लोगों की भीड़ जुट गई। करीब 20-25 फीट गहरे कुंए में ऊपर तक पानी था, जर्जर मुंडेर से मात्र 5-6 फीट नीचे तक कुंआ पानी से भरा था। कई जगह से मुंडेर टूट चुकी है, जबकि शेष चारों ओर से जर्जर है, एक हिस्सा धंसक भी चुका है। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। कुआं जर जर होने की वजह से शव इने करीब होने के बावजूद उसके रेस्क्यू में दिक्कत आ रही थी। क्योंकि, कुएं की मिट्टी धसक रही थी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद शव को कुंए से निकाला
नारायण कर्ण के रूप में हुई मृतक की पहचान
कुछ देर की पड़ताल के बाद मृतक की पहचान इलाके की ही गनपत कॉलोनी निवासी नारायण कर्ण के रूप में हुई। कुछ लोगों ने इसे कुछ दिन पूर्व तक गैस एजेंसी में काम करने वाला बताया, तो कुछ गैस टंकी वितरण करने वालों से भी मृतक की शिनाख्त कराई। मौके पर सिविल लाइन पुलिस के साथ ही एफएसएल टीम भी पहुंच गई।
भोपाल हॉस्टल में हैं तीन बच्चे
पुलिस पड़ताल में पता चला कि, मृतक पहले गैस एजेंसी में काम करता था, उसकी पत्नी का पहले निधन हो चुका है। तीन छोटे बच्चे हैं, जो भोपाल के एक हॉस्टल में हैं। अभी वो किसी कल्हारी पर काम करता था, नशा भी शुरू कर दिया था। बीती रात ही वो अपने पड़ौसी से टी शर्ट मांगकर पहनकर आया था। वही टी शर्ट मृतक के शरीर पर भी थी। वो यहां कैसे आया, कुंए में कैसे गिरा पुलिस इसकी जांच में जुट गई है।
मृतक के भतीजों ने की शिनाख्त
पुलिस पूछताछ में मंदिर के पुजारी नीटू शर्मा ने बताया कि, युवक अक्सर हनुमान मंदिर भी आया करता था। पड़ताल के दौरान पता चला कि, मृतक का एक भाई भी विदिशा में ही रहता है, तत्काल उसे खबर दी गई तो मृतक का भतीजे ने आकर मृतक की शिनाख्त पुख्ता की। शव को कुंए से निकालने के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया।
कुंए पूरने में रुचि, संवारने में नहीं
लाल पठार हादसे के बाद जब पत्रिका ने नगर तथा आसपास के जर्जर और खतरनाक हो चुके कुंओं की पड़ताल कर मुहिम चलाई, तो प्रशासन ने इन कुंओं में से कुछ को पूरने की तैयारी कर ली। जबकि, परंपरागत जलस्त्रोंतों को थोड़े ही प्रयास से संवारकर बेहतर बनाते हुए इन पर जाल डालकर बचाया जा सकता है। कुछ कुंए प्रशासन ने पुरवा भी दिए। आरएमपी नगर फेस वन और अब उसके पास ही हनुमान मंदिर का यह कुंआ भी इसी स्थिति में है। इसे तो केवल 5-6 फीट की मरम्मत कर संवारा जा सकता है, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
Published on:
31 Aug 2021 09:06 pm
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