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निजी स्कूल संचालकों को भी आर्थिक मदद दिए जाने की मांग

निजी स्कूल संचालकों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

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विदिशा। डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते निजी स्कूल संचालक।

विदिशा। डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते निजी स्कूल संचालक। ,विदिशा। डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते निजी स्कूल संचालक। ,विदिशा। डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते निजी स्कूल संचालक।

विदिशा। अशासकीय निजी स्कूल शिक्षण संघ ने मंगलवार को डीईओ और जिला प्रशासन को अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। जिसमें कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी स्कूल्स को शासन-प्रशासन द्वारा आर्थिक पैकेज देकर उनकी मदद करने की गुहार लगाई गई।

वहीं ज्ञापन में कहा गया कि तकनीकी खामियों के कारण कई निजी स्कूल संचालकों की तीन साल से रूकी प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिली है। विगत वर्ष में आरटीई पोर्टल के आधार सत्यापन में जो लिस्ट दिख रही है, उसमें स्कूल में जितने बच्चों को प्रवेश दिए गए, उतने बच्चे नहीं दिख रहे हैं। वर्ष २०१६, १७ और २०१८ के आरटीई के तहत बच्चों के प्रपोजल करीब तीन माह से लॉक हैं, जिनका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। जबकि २०१६-१७ के प्रपोजल स्कूल ने लॉक किए और सीआरसी द्वारा सत्यापन करने पर पेंडिंग का ऑप्शन आ रहा था, जो सात माह तक दिखाई दिया और इसके बाद तकनीकी खराबी के कारण पोर्टल से प्रजोजल ही हट गया। वहीं वर्ष २०१७-१८ में आरटीई में जो बच्चे टीसी लेकर स्कूल से अन्य स्कूल में चले गए उनके शपथपत्र नहीं बन रहे हैं। उनके शपथपत्र खुलवाने की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन में कहा गया कि यदि किसी विद्यार्थी की फीस शेष रह गई है, तो उक्त विद्यार्थी की टीसी देने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा प्राचार्य को बाध्य नहीं किया जाए। अधिकारियों ने मांगों के निराकरण करने पर विचार किए जाने का आश्वासन दिया। इस दौरान संघ जिलाध्यक्ष मानसिंह राजपूत, संजेश शर्मा, दीवानसिंह राजपूत, शिवेंद्र सिंह, अनिल श्रीवास्तव, शिव शर्मा, विनोद शर्मा, धर्मेंद्र कुशवाह और एसएन कटिहार आदि मौजूद रहे।