21 सितंबर 2021 को सबसे पहले नवजात बेटी को कपड़े सेवा दी गई। इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार जारी रखा। शुरुआती महीनों में 15 से 20 बेटियों को एक तय स्थान से सेवा दी जाती रही है। बाद में लोगों को जानकारी मिलती रही और ये क्रम अब महीने में 30 से 40 जोड़ी कपड़े तक पहुंच गया है।
पहल के प्रमुख दीप सिंह कुशवाह ने बताया कि अब तक 1 हजार 340 जोड़ी से ज्यादा कपड़े बेटियों तक पहुंचा चुके हैं। इसका पूरा खर्च उनके द्वारा ही वहन किया जा रहा है। अब तक कपड़े सेवा भारत के चार राज्यों तक पहुंच गई है। इसे देश सहित दुनिया के कोने- कोने तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
बेटी के चौथे जन्मदिन से पहल की शुरुआत
विदिशा निवासी दीप सिंह ने अपनी बेटी भूमि कुशवाह के चौथे जन्मदिन पर 2 सितंबर 2021 से बेटी बचाओ आंदोलन का आगाज किया था। इसकी शुरुआत के लिए उन्होंने बेटी के जन्म पर बेटी को कपड़े फ्री, पहल को विदिशा में शुरू किया था। यह पहल बहुत ही सादे तरीके से शुरू की गई। इसके प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। फेसबुक पर ‘बेटियों को जीने दो’ नाम से एक आईडी बना रखी है। जिसकी डीपी पर लिखा है, बेटी के जन्म पर बेटी को कपड़े फ्री। साथ में कुछ नियम और शर्तें भी अनुशासन के तौर पर लिखी गई हैं। सेवा के माध्यम से लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक भी किया जाता है।