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BJP समर्थित नपा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, साथ आए भाजपा-कांग्रेस के पार्षद

MP News: विदिशा नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति शर्मा के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के पार्षद एक हो गए हैं। 35 पार्षदों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया है।

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no-confidence motion against Vidisha nagar palika President m (फोटो- सोशल मीडिया)

No-confidence motion:विदिशा नगर पालिका में पार्षदों के दो गुटों के बीच पिछले एक वर्ष से चल रही खींचतान ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया। नपा अध्यक्ष प्रीति शर्मा के साथ खड़े पार्षदों ने दूसरे गुट के पार्षदों से हाथ मिला लिया। पिछले एक वर्ष से अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने की मांग कर रहे पार्षदों के साथ वह पार्षद भी आए, जिन्हें अध्यक्ष पिछले महीने ही प्रेसीडेंट इन काउंसिल में बतौर सभापति शामिल किया है। इस तरह नगरपालिका के 39 में से 35 पार्षदों ने कलेक्टर से मुलाकात कर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन सौंपा। (MP News)

कांग्रेस-भाजपा-निर्दलीय पार्षद हुए एकजुट

नगरपालिका के सभी भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय पार्षदों ने एकजुट होकर कलेक्टर अंशुल गुप्ता को आवेदन सौंपा और अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाएं। आवेदन मिलने के साथ ही कलेक्टर ने तत्काल मामले की जांच शुरु कर दी है। शाम करीब 4 बजे पार्षदों की ओर से आवेदन मिलने के बाद कलेक्टर ने सीएमओ दुर्गेश सिंह ठाकुर को बुलाया और आवेदन पर हस्ताक्षर करने वाले सभी पार्षदों को प्रत्यक्ष रूप से बुलाकर उनके द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की पुष्टि की गई। कलेक्टर को बिन्दुओं पर आधारित अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन देने वालों में नपा उपाध्यक्ष संजय दिवाकर के अलावा पार्षद अरुणा मांझी, संदीप डोगर सिंह, ज्योति जैन, सपना जैन सहित सभी पार्षद उपस्थित रहे।

निजी होटल में हुई गोपनीय बैठक, फिर पहुंचे कलेक्ट्रेट

कलेक्टर से मुलाकात करने से पहले सभी पार्षदों की शहर के बाहर एक निजी होटल में गोपनीय बैठक हुई। दोपहर बाद शुरु हुई करीब ढाई घंटे की बैठक के बाद सभी पार्षद सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से मुलाकात की। गौरतलब है कि अब तक भाजपा पार्षदों का एक गुट अध्यक्ष के विरोध में और भाजपा व निर्दलीय पार्षदों का दूसरा गुट अध्यक्ष के समर्थन में था। जबकि कांग्रेस पार्षद इस पूरे मामले में अलग थे। उनकी ओर से दो गुटों के बीच चल रहे घमासान से विकास कार्य प्रभावित होने की बात की जा रही थी। लेकिन गुरुवार को सभी पार्षद एकजुट हो गए और अध्यक्ष के खिलाफ सामूहिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन कलेक्टर को सौंपा।
(MP News)

हम भाजपा के नहीं, विकास के साथ

कलेक्टर को आवेदन देने के बाद बाहर आए कांग्रेस पार्षद और नेता प्रतिपक्ष आशीष माहेश्वरी ने कहा कि लंबे समय से शहर में विकास कार्य ठप पड़े हैं। जब अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी मिली तो वह सब सभी तीन पार्षद साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वे दलगत राजनीति में नहीं हैं और न ही भाजपा के असर में आए हैं। उन्हें केवल शहर का विकास चाहिए। पार्टी की गाइडलाइन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पदाधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर ली है। (MP News)

इधर कांग्रेस ने अपने पार्षदों को थमाए नोटिस

कांग्रेस पार्षदों को जिला अध्यक्ष मोहित रघुवंशी ने गुरुवार को कांगेस पार्षदों को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलव किया है। जिसमें कहा गया है कि भाजपा के पार्षदों के साथ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचें, यह पार्टी को बगैर विश्वास में लिए कार्य किया गया है। इससे कांग्रेस पार्टी की छवि एवं पार्टी विरोधी कार्य है जो अनुशासन हीनता होने की बात कहते हुए 3 दिन में जवाब देने को कहा गया है। अन्यथा पार्टी द्वारा निष्कासन की कार्रवाई की चेतवानी दी गई है। जिला अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के तीन पार्षद आशीष माहेश्वरी, धर्मेंद्र यादव और सुनिता नेमा शामिल है। (MP News)

अध्यक्ष ने नहीं बुलाई बैठक, पति करते है हस्तक्षेप

नपा अध्यक्ष प्रीति शर्मा ने नियमानुसार पीआईसी व परिषद की बैठक नहीं बुलाई। बैठकों में अध्यक्ष के बजाए उनके पति राकेश शर्मा द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है। नगरपालिका में 200 कर्मचारियों की नियम विरुद्ध भर्ती करते हुए नियम विरुद्ध संकल्प पारित कर भुगतान की कार्यवाही की गई। संजय शॉपिंग सेंटर की नीलामी के लिए फर्जी तरीके से परिषद की बैठक बुलाई गई। इससे निकाय को करोड़ों रुपए की क्षति हुई है।

नपा की बैठकों में पार्षदों की सहमति के बिना अतिरिक्त एजेंडा का जोडकर मंजूरी दी गई। इससे निकाय को करोड़ों रुपए की हानि पहुंचाई गई। संजय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में तत्कालीन पदाधिकारियों के साथ मिली भगत कर बिना बाजार मूल्य निर्धारण किए 35 करोड़ की संपत्ति को 2.5 करोड़ में बेचने का पडयंत्र परिषद की फर्जी बैठक बुलाकर किया गया। (MP News)

3 सालों से नहीं हुई गुणवक्ता की जांच

पिछले 3 वर्षों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा कार्यकाल में कभी नहीं की गई। इससे जांचकर्ता अधिकारियों ने 10 से 15 करोड़ की आर्थिक क्षति अपने प्रतिवेदन में प्रस्तुत की है।अध्यक्ष कार्यकाल में जनसाधारण एवं शहर के विकास के लिए कोई भी नवाचार प्रस्तुत नहीं किया गया। इससे जनसाधारण विकास से वंचित रह जाता है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति शर्मा के बजाए नियम विरुद्ध तरीके से उनके पति राकेश शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किए जाने से लेकर अन्य दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। (MP News)