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स्कूल में शिक्षक ही नहीं तो बच्चों को स्कूल क्यों भेजें

सुनपुरा हाई स्कूल में 110 विद्यार्थी दर्ज, एक भी शिक्षक नहीं

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स्कूल में शिक्षक ही नहीं तो बच्चों को स्कूल क्यों भेजें

विदिशा। सुनपुरा हाई स्कूल में कक्षा नौ और दस में गांव के 110 बच्चे पढऩे जाते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। ऐसे में बच्चे स्कूल जाकर वापस घर आ जाते हैं। इसलिए जब स्कूल में शिक्षक ही नहीं है, तो उन्हें स्कूल भेजने से क्या फायदा। यह कहना है शहर से सटी ग्राम पंचायत सुनपुरा निवासी सावित्री कुशवाह सहित अन्य ग्रामीणों का।

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जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत सुनपुरा के हाई स्कूल में कक्षा नौ में 62 और कक्षा 10 में 48 इस प्रकार कुल 110 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन स्थिति यह है कि यहां इन्हें पढ़ाने वाला एक भी शिक्षक नहीं है। सोमवार को अभिभावकों के सब्र का बांध टूट गया और वे स्कूल में जाकर शिक्षकों की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। मिडिल स्कूल के प्रभारी प्राचार्य की समझाईश पर मामला शांत हुआ। वहीं हरीश कुशवाह, गोलू राजपूत, अकरम खां, भगवतीबाई, समल कुशवाह, वंदना आदि ने बताया कि यदि यदि एक हफ्ते के भीतर स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई, तो वे जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और प्रशासन मौन है।

मिडिल स्कूल में पढ़ रहे हाई स्कूल के बच्चे
हाई स्कूल में कोई शिक्षक नहीं होने के कारण हाई स्कूल भवन में ताला डला रहता है और वहां के सभी बच्चों को सुनपुरा मिडिल स्कूल के कक्षों में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं इन्हें मिडिल स्कूल के शिक्षक ही जैसे-तैसे पढ़ा रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों की पढ़ाई कैसी हो रही होगी। वहीं कक्षा नौ और 10 के विद्यार्थियों का बेसलाइन टैस्ट २५ से 30 जून तक होना था, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है।

मिडिल के बच्चों की भी हो रही पढ़ाई प्रभावित
हाई स्कूल की कक्षाएं मिडिल स्कूल में लगने के कारण मिडिल स्कूल के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। मिडिल स्कूल में कुल तीन कक्ष हैं। इनमें से दो कक्षों में कक्षा नौ और 10 के बच्चों को पढ़ाया जाता है। वहीं कक्षा छह से आठ तक के कुल ११७ बच्चों को एक ही कक्ष में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीन कक्षाएं एक ही कक्ष में लगने पर कैसी पढ़ाई हो रही होगी।

जिलेभर में हैं यही हालात
मालूम हो कि शिक्षण सत्र शुरु होने के दो माह बाद भी प्रायमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूल्स में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण जिलेभर के स्कूल्स में यह हालात बन रहे हैं। जिससे हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और उनके भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। डीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिलेभर में करीब 2 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हर साल की जाती है।

सुनपुरा हाई स्कूल में 2015 से अब तक सिर्फ एक शिक्षिका की नियुक्ति हुई है, जो रिटायर्ड हो चुकी हैं। वहीं अतिथि शिक्षकों द्वारा कक्षा नौ और 10 के बच्चों को हर साल पढ़ाया जाता है। लेकिन इस साल अब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण हाई स्कूल के बच्चों को मिडिल स्कूल में ही बिठाकर मिडिल के स्टॉफ द्वारा पढ़ाया जा रहा है। जिससे परेशानी तो हो रही है।
- राजकुमार चौहान, प्रभारी एचएम, सुनपुरा मिडिल स्कूल

अभी प्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल तक में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी कोई निर्देश नहीं मिले हैं। विभागीय वीसी आज होना है, जिसमें पता चल जाएगा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कब से होना है।
- एचएन नेमा, डीईओ, विदिशा