29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शादियों से हटा कोरोना का ग्रहण, 20 माह बाद सजेंगे पंडाल, बजेंगे बैंड-बाजे

देवउठनी ग्यारस के बाद शादियों की धूम,9 नवंबर से 13 दिसंबर तक 15 मुहूर्त

2 min read
Google source verification
weddings_start_after_20_months.png

विदिशा. कोरोना के कारण शादियों की धूमधाम पर लगा ग्रहण अब हट चुका है। करीब 20 माह बाद ऐसा अवसर आ रहा जब शादियों का उत्साह, पंडालों की सजावट, बैंडबाजों की धुन पर नाचते बाराती देखे जा सकेंगे। देवउठनी ग्यारस के बाद हर तरफ शादियों की धूम दिखाईदेगी। इसके लिए शहर के शादी हॉल, मैरिज गार्डन आदि बुक होने लगे हैं। बाजार में भी दीपावली के बाद यह दूसरा बड़ा मौका खरीददारी का है और शादियों के आयोजन के रहते बाजार में कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन एवं सराफा में ग्राहकी की अच्छी रौनक रहेगी।

मालूम हो कि पिछले वर्ष मार्च, अपै्रल माह में कोरोना का प्रभाव बढऩे से लंबा समय लॉक डाउन के बीच गुजरा और शादियों के आयोजन पर लॉक डाउन की कईतरह की बंदिशें थी। ऐसे में कईलोगों को चंद मेहमानों की उपस्थिति में शादियां करना पड़ी वहीं आयोजनों से जुड़े कईव्यवसाय बंद रहने से सैकड़ों परिवारों का जीवन पटरी से उतर चुका था, लेकिन करीब 20 माह बाद अब कोरोना का भय खत्म होने के साथ ही ऐसे परिवारों के चेहरों पर खुशियां वापस लौटी है। वहीं जिन लोगों ने शादियां आगामी समय के लिए टाल दी थी वे अब नवंबर, दिसंबर माह में धूमधाम से शादी कर सकेंगे। इससे यह दोनो माह शादियों के लिए धूमधाम वाले रहेंगे।

Must See: रेशम उत्पादक कंपनी बनाकर लिखी विकास की इबारत

विवाह के मुहुर्त
धर्माधिकारी विनोद शास्त्री के अनुसार नवंबर माह में विवाह के 8 एवं दिसंबर माह में विवाह के ७ मुहुर्त है। नवंबर में 19, 20, 21, 22, 26,28, 29,30 नवंबर शादी के मुहुर्त हैं। इसी तरह दिसंबर माह में 1, 3, 5, 7, 11, 12, 13 दिंसबर विवाह के मुहुर्त रहेंगे।

Must See: फतेहाबाद ब्रॉडगेज ट्रैक लोकार्पण पर मिलेगी बड़ी सौगात, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

2500 परिवारों की खुशी लौटी
व्यवसायियों का कहना है कि शादियों की धूमधाम से 2500 परिवारों की खुशी लौटी है। शादियों के आयोजन से न केवल मैरिज गार्डन, बल्कि इनसे जुड़े डीजे, बैंड, बारात में लाइट लेकर चलने वाले मजदूर, लाइट डेकोरेशन, फूलों से सजावट करने वाले, भोजन व्यवस्था, टेंट हाउस, हलवाई व भोजन व्यवस्था के कर्मचारी, पार्किंग गार्ड आदि सभी का रोजगार छिन गया था। बुमश्किल परिवार का भरा पोषण कर पा रहे थे। टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज जैन के मुताबिक शहर में करीब 50 टेंट हाउस है और अकेले इन टेंट हाउस से ही 300 परिवार जुड़े हैं जो कोरोना से प्रभावित रहे, लेकिन शादियो के इन आयोजन से सभी परिवारों की जिंदगी फिर पटरी पर लौट सकेगी।

Must See: जानिए कौन थीं खूबसूरत और बहादुर गोंड रानी कमलापति जिनके नाम पर हुआ हबीबगंज स्टेशन का नामकरण ?