तथ्य: वजन कम यानी फिट नहीं है। ओवर वर्कआउट, वेट लॉस सप्लीमेंट्स, डाइटिंग ( Weight Loss, Mixing Dieting, Exercise ) आदि तरीकों से वजन कम करने पर ज्यादातर मसल्स के आसपास का फैट ही कम होता है। ऐसे में वजन कम होता है लेकिन इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस, कमजोरी और पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है।
तथ्य: ज्यादातर लोग यही सोच कर कार्ब को अपनी डाइट से दूर कर देते हैं। लेकिन हकीकत में सिंपल कार्ब जैसे चीनी, फू्रट जूस, रिफाइंड आटा के बजाय डाइट में कॉम्प्लैक्स कार्ब जैसे साबुत अनाज, फल, प्रदूषण आदि आदि को शामिल करें तो मेटबॉलिक रेट बढऩे से वजन घटता है।
तथ्य: ज्यादा मात्रा में कार्ब, हाई कैलोरी, जंक फूड के साथ अधिक फैट लेने से वजन बढ़ता है। ऐसे में जब तक कैलोरी कंट्रोल मात्रा में हो तब तक फैट लेने से वजन भी नियंत्रित रहता है। शरीर की जरूरत के अनुसार कॉम्पलेक्स कार्ब ले सकते हैं।
तथ्य: शरीर में स्टूल के जरिए फैट बाहर निकलने पर फैट सॉल्युबल विटामिन्स जैसे ए, डी, ई व के की कमी होने लगती है। जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। ये सप्लीमेंट्स स्टूल की फ्रीक्वेंसी बढ़ा देते हैं।
तथ्य: खाने में कमी करने से वजन कम होता है। इस सोच से ज्यादातर लोग नाश्ता, दोपहर का भोजन या डिनर स्किप करते हैं। यह गलत है। वजन कम करने के दौरान कुछ न खाने की बजाय हर 3 घंटे में थोड़ा खाएं।
तथ्य: मोटापे से कई गंभीर बीमारी जैसे टाइप -2 डायबिटीज, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर आदि जुड़े हुए हैं। हालांकि कई लोग मोटे होने के बाद भी स्वस्थ हैं और कई पतले लोग बीमार हैं। वास्तव में पेट या अंगों के आस-पास ज्यादा फैट जमा होने से रोगों की आशंका बढ़ती है।
तथ्य: अगर आप खाते रहेंगे और कैलोरी बर्न करने के लिए किसी तरह की शारीरिक क्रिया नहीं करेंगे तो वजन बढ़ेगा। रात को खाना खाते ही सो जाने से वजन पर नहीं बल्कि पाचनक्रिया पर असर पड़ता है। ज्यादा खाने और एक्सरसाइज न करने से अतिरिक्त कैलोरी फैट के रूप में शरीर में जमा होती है।