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ये है सबसे डरावना और रहस्यमयी चर्च, 70 हजार ‘नर कंकालों’ किया गया इस्तेमाल

इस अनोखे चर्च की चर्चा दुनियाभर में होती है।इस चर्च में 70,000 नर कंकालों का इस्तेमाल किया गया है। इन नर कंकालों से इसको सजाया गया है।

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नई दिल्ली। आपने दुनियाभर के कई तरह के चर्च के बारे में सुना होगा। लेकिन आज आपको दुनिया का सबसे डरावना और रहस्यमई चर्च के बारे में बताने जा रहे हैं। इस अनोखे चर्च की चर्चा दुनियाभर में होती है। क्योंकि इस चर्च में 70,000 नर कंकालों का इस्तेमाल किया गया है। इन नर कंकालों से इसको सजाया गया है। दिखने में यह बहुत ही डरावना है इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यह डरावना और रहस्यमयी चर्च चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में स्थित है। इस अनोखे चर्च को देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते है।

'चर्च ऑफ बोनस' के नाम से है मशहूर
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस चर्च को को सजाने के लिए 40,000 से लेकर 70,000 लोगों की हड्डियों का इस्तेमाल किया गया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां छत से लेकर झूमर तक इंसान की हड्डियां ही नजर आती है। इस चर्च की दुनियाभर में चर्चा होती है। यह रहस्यमयी चर्च दुनियाभर में 'चर्च ऑफ बोनस' के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि यहां पर इस चर्च को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस चर्च का निर्माण आज से करीब डेढ़ सौ साल पहले 1817 में किया गया था।

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इंसान की हड्डियों का रहस्य
इंसान की हड्डियों से इस चर्च को सजाने के पीछे एक रहस्य बताया गया है। साल 1278 में बोहेमिया के राजा ओट्टोकर द्वितीय ने हेनरी नाम के एक संत को ईसाईयों की पवित्र भूमि यरुशलम भेजा था। यरुशलम को ईसा मसीह की कर्मभूमि कहा जाता है। यहीं पर उन्हें सूली पर भी चढ़ाया गया था। यरुशलम गए संत जब वापस लौटे तो वो अपने साथ वहां की पवित्र मिट्टी से भरा एक जार भी लेकर आए।

दूर दूर से आते है लोग
उस मिट्टी को एक कब्रिस्तान के ऊपर डाल तो यह लोगों के दफनाने की पसंदीदा जगह बन गई। इसी बीच 14वीं सदी में ब्लैक डेथ महामारी फैल गई, इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग मारे गए। उन्हें भी प्राग के उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया। भारी तादाद में लोगों को दफनाने की वजह से कब्रिस्तान में बिल्कुल भी जगह नहीं बची है। इसलिए उनके कंकालों और हड्डियों को निकालकर उनसे चर्च को सजा दिया गया। इसी के चलते यह चर्च पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया और बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आने लगे। दिखने में यह चर्च बहुत ही डरावना लगता है।