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यहां 42 सालों से ये हिंदू परिवार कर रहा है कुरान की इबादत, वजह कर देगी हैरान

हम आपको एक ऐसे हिंदू परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अपने घर के पूजा स्थान पर कुरान शरीफ को रखकर सालों से उसकी इबादत कर रहा है।

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Kuran

यहां 42 सालों से ये हिंदू परिवार कर रहा है कुरान की इबादत, वजह कर देगी हैरान

नई दिल्ली। हम सभी के घरों में धार्मिक ग्रंथ या किताबें होती है। लोग अपनी-अपनी धर्म के अनुसार धार्मिक ग्रंथ या किताबें घरों में रखते हैं। जैसे एक हिंदू अपने पास श्रीमद्भागवत को रखता है,ठीक वैसे ही एक मुस्लिम अपने पास कुरान शरीफ को जरूर रखता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे हिंदू परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अपने घर के पूजा स्थान पर कुरान शरीफ को रखकर सालों से उसकी इबादत कर रहा है।
हम यहां बात कर रहे हैं बालकिशन खंडेलवाल के बारे में जो कि अजमेर के गंज इलाके में रहते हैं। बालकिशन जी के परिवारवाले श्रीमद्भागवत की तरह कुरान शरीफ के प्रति भी श्रद्धा रखते हैं। ऐसा करने के पीछे का मुख्य कारण ये है कि बालकिशन जी के परिवार के सदस्य सांप्रदायिक सौहार्द में यकीन रखते हैं और उसी के अनुरूप जीवन व्यतीत करते हैं।

घर के मंदिर में प्रतिदिन बड़े अदब के साथ कुरान की पूजा और देखभाल की जाती है। यहां एक और खास बात ये है कि इसे दुनिया का सबसे छोटा कुरान माना जाता है। बालकिशन जी के परिवार का कहना है कि ये दुनिया कि सबसे छोटी कुरान है। इसकी लंबाई 1.8 सेंटीमीटर है और चौड़ाई भी 1.8 सेंटीमीटर है। इसका वजन महज 1.950 ग्राम है। इसमें 258 पन्ने हैं। इनमें कुरान की सारी आयतें लिखी हुई हैं। इसे लैंस की मदद से आसानी से पढ़ा जा सकता है। इस कुरान को एक छोटी सी चांदी की डिब्बी में रखा गया है जो आकार में एक माचिस के डिब्बे से भी छोटा है।

बालकिशन जी इस बारे में बताते हुए कहते हैं कि आज से लगभग 42 साल पहले उनके पिता ने अपनी मृत्यु से पहले उन्हें इसे सौंपा था। उस दौरान उन्होंने बस एक बात कही थी कि कुरान परिवार में खुशहाली और बरकत का प्रतीक है।

उनके पिता ने उन्हें इसे बहुत संभलकर रखने की हिदायत दी थी। उस दिन से आज तक बालकिशन जी इस पवित्र धर्म ग्रंथ की सेवा करते आ रहे हैं। बता दें इस कुरान का नाम राजस्थान बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।

बालकिशन आशा रखते हैं कि आने वाले समय में ये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करें।