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इस दिन संबंध बनाने से होता है ऐसे बच्चे का जन्म जो मां-बाप की जिंदगी में लाता है प्रलय, शास्त्रों में हुआ ये भयानक खुलासा

गर्भसंस्‍कार में कहा गया है कि पति-पत्नी के लिए किस दिन शारीरिक संबंध बनाना उचित है और कब अनुचित है और इसके पीछे का कारण क्या है?

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Arijita Sen

Sep 10, 2018

Physical relation

इस दिन संबंध बनाने से होता है ऐसे बच्चे का जन्म जो मां-बाप की जिंदगी में लाता है प्रलय, शास्त्रों में हुआ ये भयानक खुलासा

नई दिल्ली। शास्त्रों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। इनमें इंसान के गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक की हर बात का जिक्र काफी अच्छे से किया गया है। इंसान की जिंदगी में होने वाली घटनाओं के पीछे का बखान भी इन शास्त्रों में काफी अच्छे ढ़ग से किया गया है।

शास्‍त्रों में मानव जीवन के हर संस्कार की तरह गर्भसंस्‍कार का भी उल्लेख किया गया है। इसके तहत कहा गया है कि पति-पत्नी के लिए किस दिन शारीरिक संबंध बनाना उचित है और कब अनुचित है और इसके पीछे का कारण क्या है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने को लेकर कई सारी बातें बताई गई हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि किस प्रकार से मां के गर्भ में शिशु का जन्म होता है, समय के साथ-साथ कैसे उसका विकास होता है, गर्भ में उसकी हरकतें कैसी रहती रहती है, वह 9 महीने तक क्या सोचता है इत्यादि। इतना ही नहीं गर्भ उपनिषद में किन्नरों की उत्पत्ति के बारे में भी कहा गया है।

दरअसल गर्भउपनिषद में बताया गया है कि, मंगलवार का दिन संतान प्राप्ति के लिए बहुत अशुभ होता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि मंगल शनि ग्रह का स्वामी होता है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि मंगल को अत्यंत क्रोधी एवं विनाशकारी ग्रह के तौर पर देखा जाता है। पति-पत्नी को संतान प्राप्ति के लिए इस दिन संभोग करने से बचना चाहिए। इस दिन संबंध ना ही बनाए तो यह उनके भविष्य के अच्छा है।

इस दिन संबंध बनाने से यदि कोई महिला गर्भधारण करती है तो आने वाले समय में पैदा होने वाला बच्चा अत्यन्त क्रोधी और घमंडी स्वभाव का होता है। ऐसे बच्चे हमेशा जिद करते हैं, किसी की बात नहीं सुनते हैं, स्वभाव से बेपरवाह होते हैं, हिंसक होते हैं और इन्हीं सब कारणों की वजह से अपने मां-बाप और परिजनों के लिए जिंदगी भर परेशानी का कारण बने रहते हैं। इन पर मंगल का प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि इन्हें सही या गलत की पहचान तक नहीं होती है।

शास्‍त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि किस प्रकार शारीरिक संबंध बनाने से एक मां के गर्भ से एक किन्नर बच्चे का जन्म होता है। इस तरह से हमारे शास्त्रों में मनुष्य के जीवन से संबंधित कई बातों का जिक्र किया गया है जिन्हें मानकर हम अपने आने वाले समय को खुशहाल बना सकते हैं।