script20 रुपए चुराने का लगा था आराेप, 41 साल की कानूनी लड़ाई के बाद बरी हुआ | Allegations of stealing 20 rupees, 41 years later found justice | Patrika News
अजब गजब

20 रुपए चुराने का लगा था आराेप, 41 साल की कानूनी लड़ाई के बाद बरी हुआ

शिकायत के समय 20 साल थी शिकायतकर्ता की उम्र, अब है 61 साल
शिकायत के बाद अदालत में तारीख पर आता रहा आरोपी
लोक अदालत में किया गया मामले का निपटारा

Jul 14, 2019 / 07:04 pm

Navyavesh Navrahi

court
अदालतों में हाोने वाले फैसले लेट आने की खबरें तो आपने बहुत सुनी होंगी। लेकिन अब एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, एक शख्स पर 20 रुपए चुराने का आरोप लगा था। इससे बरी होने के लिए उसे 41 साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। तब जाकर उसे इस कलंक से छुटकारा मिला। मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है। मामले का निपटारा लोक अदालत में किया गया है।
जानकारी के अनुसार- वहां के एक शख्स ने 41 साल पहले यानी सन 1978 में बाबूलाल नाम के व्यक्ति ने इस्माइल खान पर 20 रुपए चुनाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि वे बस का टिकट लेने के लिए लाइन में लगे हुए थे। इसी दौरान इस्माइल खान ने उनके 20 रुपए चुरा लिए। शिकायत के समय बाबूलाल की उम्र 20 साल थी। इस समय वे 61 के हो चुके हैं। जबकि आरोपी इस्माइल खान की उम्र इस समय 68 साल हो चुकी है।
शनिवार को लगी लोक अदालत में आरोपी इस्माइल खान को इस मामले में बरी कर दिया गया। इस्माइल की ये कानूनी लड़ाई 41 साल तक चली।
20 rupee note
अदालत के एक अधिकारी के अनुसार- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अनिल कुमार नामदेव ने लोक अदालत में मामले की सुनवाई की। उन्होंने ग्वालियर के रहने वाले आरोपी इस्माइल खान को 41 साल पुराने इस मामले में बरी कर दिया। आरोपी ने अदालत में कहा कि भविष्य में वह किसी भी तरह की अवैध गतिविधी में शामिल नहीं होगा।
शिकायतकर्ता बाबूलाल के अनुसार- 1978 में उन्होंने इस्माइल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसके कुछ माह बाद ही उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था और वे सुनवाई के लिए अदालत में आता था। साल 2004 से उसने सुनवाई के लिए आना भी बंद कर दिया था। इसके बाद एक वारंट जारी करके अप्रैल 2019 में आरोपी काे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
खराब है आर्थिक हालत
बाबूलाल के अनुसार- इस्माइल के परिवार में कोई और नहीं है। वे अकेला है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां तक की उसके पास जमानत के लिए आवेदन करने तक के पैसे नहीं हैं। तभी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने लोक अदालत में सुनवाई के लिए बुलाया। इस मामल मामले में इस्माइल को बरी कर दिया गया है।

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