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इस खटारा बस को देख नज़रअंदाज़ करते थे लोग, खोल कर देखा गया तो जो दिखा उसपर नहीं हुआ यकीन

कई सालों से धूल खा रही इस बस को लोग नज़रअंदाज़ कर रहे थे लेकिन इस जोड़े को इसमें ऐसा कुछ दिखा जो किसी को नहीं दिखा।

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german couple transforms old bus into mobile home

इस खटारा बस को देख नज़रअंदाज़ करते थे लोग, खोल कर देखा गया तो जो दिखा उसपर नहीं हुआ यकीन

नई दिल्ली। एक जर्मन जोड़ा सेलिमा ताबी और फेलिक्स स्टार्क शहर की ज़िंदगी से ऊब चुके थे। उन्होंने फिर कुछ ऐसा करने का सोचा जो बेहद अनोखा था। अक्सर आपने सुना होगा कबाड़ में से खजाना निकला लेकिन आपने कभी यह सुना है कबाड़ ही खजाना बन गया हो। कई सालों से धूल खा रही इस बस को लोग नज़रअंदाज़ कर रहे थे लेकिन इस जोड़े को इसमें ऐसा कुछ दिखा जो किसी को नहीं दिखा।

इस जोड़े ने थॉमस अंतरराष्ट्रीय स्कूल से पुरानी बस खरीदी और फिर निकल गए ऐसे सफर में जो एडवेंचर से भरा था। दो से तीन पीढ़ियां इसके सामने से यूं ही गुज़रती गईं लेकिन किसी को इसकी अहमियत नहीं समझ आई। इस जोड़े ने इसमें वो देखा जो किसी को नहीं दिखा। बस भले ही छोटी हो लेकिन उसका रूपांतरण करना बेहद मुश्किल होता है। फिर उस रहने लायक बनाने के लिए बहुत सारी चीजों पर ध्यान देना पड़ता है जैसे हवादार, आरामदायक। इस जोड़े ने अपनी जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए इसमें लिविंग रूम, बेडरूम, रसोईघर और बाथरूम बनाया।

इस पुरानी बस में से सबसे पहले सारी सीटें निकली गईं सिर्फ ड्राइवर की जगह छोड़कर पूरी बस खाली की गई। इसके बाद उसमें बिजली का कनेक्शन जोड़ा गया, पानी की पाइप निकाली गई। इसके बाद बस को घर बनाने में कई दिन लग गए और जब वह बनकर तैयार हुआ तो किसी जन्नत से कम नहीं था। देखने में यह कोई ऐसा वैसा नहीं, बल्‍कि एक बेहद आलीशान घर था। कबाड़ के दाम पर खरीदी गई इस बस के नए मालिक की तो किस्‍मत ही खुल गई थी लेकिन इसमें बिलकुल एक घर बनाने जैसी मेहनत लगी। इसे डेंट पेंट करा कर बिल्‍कुल नया-सा बना दिया। इस जोड़े ने अपने घर की तस्‍वीरें सोशल साइटस पर डालीं, तो वे बहुत वायरल हुई थीं। साथ ही लोगों को सोचने पर मजबूर भी कर रही थीं कि कभी-कभी धूल के नीचे कितनी खूबसूरती छुपी होती है।