
Asteroid Belt Colony : ऐसी होंगी बेलनाकार फ्लोटिंग बस्तियां
विश्व की अंतरिक्ष एजेंसियां और धन कुबेर अब पृथ्वी से दूर किसी ग्रह पर मानव बस्तियां बसाने को बेताब हैं। खगोदविद मंगल पर इस तरह की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। जहां पृथ्वी की तरह 24 घंटे की दिन/रात की अवधि और कार्बन डाइऑक्साइड की प्रचुरता है। लेकिन वैज्ञानिकों का एक वर्ग मानता है कि यह काम इतना आसान नहीं है। इस बीच फिनलैंड के खगोलविद पेका जानहुनेन ने नई थ्योरी पेश की है। हाल ही एक शोधपत्र में पेका ने कहा कि मंगल या अन्य ग्रहों पर मानव बसाने से बेहतर है क्षुद्रग्रह सेरेस (asteroid ceres) के चारों और बेलनाकार फ्लोटिंग बस्तियां (Cylindrical floating settlements) बसाई जाएं। पेका को अगले 15 वर्ष में इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है।
जानिए कैसे संभव होगा
जानहुनेन के मुताबिक disc जैसे हजारों बेलनाकार अंतरिक्ष यान, जो अंदर फ्रेम से जुड़े होंगे, स्थायी रूप से सेरेस की परिक्रमा करेंगी। प्रत्येक बेलनाकार यान में 50 हजार लोगों को रखा जा सकता है। यह यान पूरी तरह कृत्रिम वातावरण पर निर्भर होगा, यहां तक कि खुद ही अपकेंद्री बल के माध्यम से पृथ्वी जैसा गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करेगा और खुद की रोटेशन तैयार करेगा। पहली बार ये विचार 1970 में पेश किया गया था, जिसे ओ, नील सिलेंडर कहा जाता है।
सेरेस ही क्यों?
जानहुनेन के मुताबिक इसकी औसत दूरी मंगल जितनी है। इसके अलाव इस क्षुद्रग्रह जीवनदायी तत्व भी हैं। इसमें नाइट्रोजन की प्रचुरता है, जो घूमती हुई बस्ती के लिए वातावरण विकसित करने में महत्वपूर्ण होगा। इसका रेडियस पृथ्वी से 13 गुना कम है, जिससे पृथ्वीवासी यहां से कच्चा माल आसानी से स्थानांतरित कर सकते हैं।
खास बातें
-प्रत्येक बेलनाकार निवास 10 किलोमीटर लंबा होगा
-एक किलोमीटर का रैडियस (त्रिज्या) होगी
-66 सेकंड में एक रोटेशन पूरा करना होगा, पृथ्वी की तरह गुरुत्वाकर्षण बल पैदा करने के लिए
-57 हजार लोगों को रखने में सक्षम होगा मैगासैटेलाइट
-चुंबकीय उत्तोलन बनाए रखने के लिए विशाल मैगनेट रखने होंगे।
-प्रकाश के लिए मैगासैटेलाइट से दूर दो विशाल कांच के दर्पण होंगे, जो सूर्य की किरणों को प्रतिबिंबित करेगा।
Updated on:
28 Jan 2021 01:44 am
Published on:
28 Jan 2021 01:34 am
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