
हम सब जानते हैं कि पेड़ों पर चिड़िया-पक्षी अपना घोसला बनाकर रहते है। कुछ जानवर बिल बनाकर रहते हैं तो वहीं इंसान जमीन पर अपना घर बनाकर रहते हैं। अगर हम आपसे कहें कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां इंसान ही जमीनी घर की जगह पेड़ों पर जीनवयापन कर रहे हों तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन यह सच है। आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताएंगे, जहां लोग जमीन पर नहीं बल्कि पेड़ों पर रहकर अपनी जिंदगी बिता रहे हैं।
वैसे आपको बता दें कि बगीचे के पेड़ों पर इंसान अपने शौक से नहीं रह रहे हैं। न ही उनके मजे हैं। बल्कि अगर आप भी इन लोगों की पीड़ा के बारे में सुनेंगे, तो हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, जब भी यहां बारिश होती है तो पूरा का पूरा जिला बाढ़ की चपेट में आ जाता है। ऐसे में कटाव की वजह से घर बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं। मजबूरन लोगों को पेड़ों पर शरण लेनी पड़ती है।
हम बात कर रहे हैं बिहार के सबौर प्रखंड के शनतनगर बगडेर बगीचा की। बाबूपुर की बात करें तो ये रजन्नीपुर बहुत बड़ा गांव हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे ये गंगा नदी के आगोश में समाता चला गया। इसके बाद लोग शन्तनगर में आकर रहने लगे। ये इलाका निचला होने की वजह से बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब जाता है। जिस वजह से यहां के लोगों के लिए अपनी जिंदगी गुजारना काफी मुश्किल हो जाता है।
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जाहिर है कि यह सब सुनकर आप भी हैरत में पड़ गए होंगे। लेकिन इन लोगों की जिंदगी पिछले 15 सालों से इसी तरह से कट रही है। हर साल यहां के लोग अपना नया आशियाना बनाते हैं और फिर बाढ़ आती है तो इनके घरों को डूबा देती है। अंजाम कुछ ऐसा होता है कि इनके पास ना तो खाने के लिए कुछ होता है, और ना ही पहनने के लिए। ऐसे में हर साल ये लोग नया आशियाना बनाकर जिंदगी गुजर-बसर करते हैं।
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Published on:
25 Jul 2023 03:36 pm
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