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इस मंदिर में हर साल बढ़ती है शिवलिंग की ऊंचाई, 18 फीट नीचे दबा है दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य

महादेव के मंदिर स्थित शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर और उतना ही बाहर है। यही नहीं, हर साल शरद पूर्णिमा के दिन इस शिवलिंग की लंबाई बढ़ती है।

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Priya Singh

Aug 10, 2018

matangeshwar mahadev shivling length is growing every year

इस मंदिर में हर साल बढ़ती है शिवलिंग की ऊंचाई, 18 फीट नीचे दबा है दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य

नई दिल्ली। खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्वविख्यात है। खजुराहो के मंदिरों में पवित्रतम माना जाने वाले, इस मंदिर की वर्तमान में भी पूजा- अर्चना की जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि, अपनी कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हर साल शिवलिंग की ऊंचाई में इजाफा दर्ज होता है। यहां मतंगेश्वर महादेव के मंदिर स्थित शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर और उतना ही बाहर है। यही नहीं, हर साल शरद पूर्णिमा के दिन इस शिवलिंग की लंबाई बढ़ती है। मंदिर के पुजारी की मानें तो, कार्तिक महीने की शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की लंबाई तिल के आकार के बराबर बढ़ती जाती है। शिवलिंग की लंबाई को पर्यटन विभाग के कर्मचारी नापते हैं, जिसके बाद हर बार लंबाई पहले से कुछ ज्यादा मिलती है।

ये है मान्यता...

मतंगेश्वर मंदिर के बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान शंकर के पास मरकत मणि थी, जिसे शिव ने पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर को दे दिया था। इसके बाद युधिष्ठिर के पास से वह मणि मतंग ऋषि को मिल गई और उन्होंने राजा हर्षवर्मन को दे दी। मतंग ऋषि की मणि के कारण से ही इनका नाम मतंगेश्वर महादेव पड़ा, बता दें कि 18 फीट के शिवलिंग के बीच मणि सुरक्षा की दृष्टि से जमीन में गाड़ दी गई थी। इसके बाद कहा जाता है कि, तब से लेकर आज तक मणि शिवलिंग के नीचे ही स्थित है। इतिहासकारों की मानें तो मतंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 920 ई. के लगभग चंदेला राजा हर्षवर्मन ने करवाया था जिसके बाद लोग आज तक इस में पूजा पाठ करते हैं। बता दें कि छतरपुर जिले के खजुराहो में किसी समय 85 मंदिर होते थे, लेकिन अब गिने-चुने मंदिर ही शेष बचे हैं।