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दरअसल, चेन्नई के एक अस्पताल ( hospital ) में एक बच्ची ने जन्म लिया। लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत बता दिया, जिसके बाद उस नवजात ( new born baby ) बच्ची को थर्माकोल के डिब्बे में बंद कर दिया। इस बात को 8 घंटे बीत चुके थे और परिवार के लोग बच्ची का अंतिम संस्कार करने के लिए ले जा रहे थे, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर वहां मौजूद हर शख्स हैरान रह गया। हुआ ये कि बच्ची अचानक रोने लगी। इसके बाद तुरंत बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, अस्पताल जाने में 3 घंटे जरूर लगे लेकिन बच्ची जीवित रही।
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सुरैखा नाम की महिला को समान्य प्रसव से प्री मेच्योर बच्ची हुई थी। जन्म के समय ये बच्ची रोई नहीं। साथ ही उसकी धड़कन भी नहीं चल रही थी, जिसके चलते डॉक्टरों ( doctors ) को लगा कि ये मृत है। लेकिन जब डॉक्टरों को इस बारे में पता चला तो वो हैरान रह गए। अब डॉक्टर इस पूरे मामले पर रिसर्च कर रहे हैं। बच्ची अब 3 महीने की हो चुकी है और पूरी तरह स्वस्थ है। इस मामले ने उस कहावत को सच कर दिया कि ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोई।’