
हिंदुस्तान में नहीं हुई साड़ी की उत्पत्ति! जवाब जान खुल जाएंगे दिमाग के दरवाज़े
नई दिल्ली। भारतीय स्त्रियों का मुख्य परिधान है साड़ी लेकिन क्या आप जानते हैं कि साड़ी की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई? जी आपने सही पड़ा। भारतीय महिलाओं का प्रमुख परिधान साड़ी ही है। यही कारण है कि कई लोग यही समझते होंगे की साड़ी की उत्पत्ति भारत में ही हुई होगी लेकिन ऐसा नहीं है। हम आज आपको साड़ी से जुडी यह सच्चाई बताने जा रहे हैं। इतिहासकारों की मानें तो, कपड़े की बुनाई की कला 2800-1800 ईसा पूर्व के समय मेसोपोटामियन सभ्यता भारत में लाई थी। यूं तो सिंधु घाटी के लोग सूती कपडे से परिचित थे। पुराने ज़माने से ही वे लंगोट जैसे कपड़ों का इस्तेमाल किया करते थे। इस बात की पुष्टि पुरातात्विक जांच के दौरान हुई थी जब सूती कपड़े के कुछ अवशेष सिंधु घाटी से मिले थे।
वहीं देखा जाए तो कपड़ों की बुनाई की कला का सबूत अब तक किसी को नहीं मिला है। इतिहासकारों की मानें तो आर्यों ने ही पहली बार वस्त्र शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया पुरुष और महिलाएं के वस्त्र धारण करने का तरीका भी बदलता गया। समय के साथ महिलाएं अपनी कमर के चारों और कपड़ा लपेटने लगीं जो धीरे-धीरे उनके वस्त्र धारण करने की शैली बन गई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम यह कह सकते हैं कि, सिंधु घाटी की महिलाओं द्वारा कमर पर लंगोट बांधने को बाद में साड़ी का रूप दिया गया था। इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे साड़ी धारण करने का तरीका भी बदलता गया। कम लंबे कपड़े से हुई इस शुरुआत के बाद समय के साथ-साथ इसकी लंबाई भी बढ़ती गई और आज मौजूदा रूप में इसे साड़ी के नाम से जाना जाने लगा।
Published on:
13 Nov 2018 04:17 pm
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