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भयानक चुंबकीय शक्तियों से लैस है ये मंदिर, हज़ारों टन भारी जहाज भी अनियंत्रित हो खिंचे चले आते हैं!

कोणार्क के समुद्र से गुजरने वाले सागरपोत, इस ओर खिंचे चले आते हैं, जिससे उन्हें भारी नुक्सान का सामना करना पड़ता है।

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mystery of the konark sun temple

भयानक चुंबकीय शक्तियों से लैस है ये मंदिर, हज़ारों टन भारी जहाज भी अनियंत्रित हो खिंचे चले आते हैं!

नई दिल्ली। मंदिर कोई भी हो और दुनिया के किसी भी कोने में हो उसकी तरफ भक्त खिंचे चले आते हैं, लेकिन जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में आप एक बात जानकर हैरान रह जाएंगे। इस मंदिर का नाम कोणार्क सूर्य मंदिर है जो ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। चंद्रभागा नदी के किनारे बसा हुआ यह मंदिर अपनी पौराणिकता की वजह से दुनिया भर में मशहूर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य मंदिर के शिखर पर एक चुम्बकीय पत्थर लगा है। इसके असर से, कोणार्क के समुद्र से गुजरने वाले सागरपोत, इस ओर खिंचे चले आते हैं, जिससे उन्हें भारी नुक्सान का सामना करना पड़ता है। कुछ और कथाओं की मानें तो, इस पत्थर की वजह से पोतों के चुम्बकीय दिशा निरूपण यंत्र सही दिशा नहीं बताते। इस कारण अपने पोतों को बचाने के लिए, मुस्लिम नाविक इस पत्थर को अपने साथ निकाल ले गए।

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जानकारी के लिए बता दें कि, यह पत्थर एक केन्द्रीय शिला का कार्य कर रहा था, जिससे मंदिर की दीवारों के सभी पत्थर संतुलन में थे। इसके हटने के कारण, मंदिर की दीवारों का संतुलन खो गया और इसी कारण वे गिर पड़ीं। लेकिन इस घटना का कोई ऐतिहासिक विवरण नहीं मिलता, ना ही ऐसे किसी चुम्बकीय केन्द्रीय पत्थर के अस्तित्व का कोई ब्यौरा उपलब्ध है जिससे इस बात की पुष्टि हो सके। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि इस मंदिर के शिखर पर 52 टन का चुंबकीय पत्थर लगा हुआ था एवं यह पत्थर समुद्र की कठिनाइओं को कम करता था। इसकी वजह से ये मंदिर समुद्र के तट पर सैकड़ों दशकों से खड़ा हुआ है।

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