बता दें, आंध्रप्रदेश के कुरनूल से करीब 106 किलोमीटर की दूरी पर बेलम नाम की गुफाएं स्थित हैं।बेलम भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा है। पहले नंबर पर मेघायल की क्रेम लिअत प्राह की गुफाएं आती हैं।
साल 1884 में ब्रिटिश सर्वेयर रॉबर्ट ब्रूस फुटे ने बेल की गुफाओं की खोज की थी। यह गुफा 3229 मीटर लंबी है। यहां गुफा के मुख्य द्वार के ठीक 150 फीट नीचे एक नदी बहती है जिसे पातलगंगा का नाम दिया गया है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि पातलगंगा से निकलने वाला पानी गुफा में कुछ दूरी तक जाने के बाद रहस्यमयी ढंग से गायब हो जाता है।
अभी तक वैज्ञानिक भी इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए है कि आखिर यह पानी कहां जाता है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, हजारों साल पहले इस गुफा के नीचे पानी का बहाव बहुत ज्यादा तेज होगा जिस वजह से यह गुफा बनी होगी।
आज भी गुफा के अन्दर कई ऐसी चट्टानें मौजूद हैं जिनमें पानी के तेज बहाव के कारण छेद बन गए हैं।लाखों साल पुरानी इस गुफा में आज भी कई सारी रहस्य दफन है।
बता दें, इन गुफाओं में जैन और बौद्ध भिक्षुओं के रहने के अवशेष मिले थे। इन अवशेषों को अनंतपुर के म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है। ऐसा कहा जाता है कि सदियों पहले यह गुफा बौद्ध भिक्षुओं के बीच ध्यान केंद्र के लिए मशहूर थी।
आज देश-विदेश से पर्यटक इस रहस्यमयी गुफा को देखने आते हैं। बेलम से हैदराबाद के बीच की दूरी 350किमी और बेलम से बैंगलोर 250 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप बस से बेलम का सफर करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पहले तड़ीपत्री आना होगा। इस जगह से बेलम के लिए लगातर कई बसें चलती हैं। आप चाहें तो यहां से कैब भी ले सकते हैं।