23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां अपने परिवार संग बसने से पहले लोग आॅपरेशन कर हटा देते हैं यह बॉडी पार्ट, बड़ों संग बच्चों के साथ भी होता है ऐसा

इस छोटे से गांव में ज्यादातर लोग चिली की वायुसेना या नौसेना के सदस्य है या फिर वैज्ञानिक है।

3 min read
Google source verification

image

Arijita Sen

Nov 22, 2018

Appendix

यहां अपने परिवार संग बसने से पहले लोग आॅपरेशन कर हटा देते हैं यह बॉडी पार्ट, बड़ों संग बच्चों के साथ भी होता है ऐसा

नई दिल्ली। किसी भी देश या शहर में रहने के लिए वहां के कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। ऐसा हम सभी सदियों से करते आ रहे हैं और जब तक मानव सभ्यता रहेगी तब तक ऐसा होता रहेगा। दुनिया में तमाम तरह के नियम-कानून हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर हर किसी को बड़ी ही हैरानी होगी।

हम यहां एक ऐसे छोटे से गांव के बारे में बात कर रहे हैं जहां रहने के लिए आपको सबसे पहले अपनी बॉडी में से आॅपरेशन कर अपेंडिक्स को हटाना पड़ेगा। सुनने में भले ही यह बात यकीन करने लायक नहीं हो, लेकिन यह सच है।

विलास लास एस्ट्रेला जो कि अंटार्कटिका में एक छोटी सी बस्ती है और यहां रहने के लिए आपको अपेंडिक्स के बिना ही रहना पड़ेगा। बड़ों के ही नहीं बल्कि बच्चों को भी ऐसा करना अनिवार्य है। अब रहा सवाल क्यों? तो इसके पीछे की वजह भी हम आपको बताते हैं।

बता दें, इस छोटे से गांव या बस्ती में लगभग सौ के आसपास लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग चिली की वायुसेना या नौसेना के सदस्य है या फिर वैज्ञानिक है। ये लोग अपने परिवार के सदस्यों को भी अपने साथ यहां लेकर आते हैं और सभी साथ मिलकर रहते हैं। रहने के लिए यह जगह बहुत ही खूबसूरत है। यहां चारों ओर शान्ति है। यहां की जनसंख्या इन्हीं सब कारणों के चलते एस्ट्रेला में खुशी-खुशी रहते हैं।

हालांकि यहां ठंड काफी ज्यादा है। यहां का औसत वार्षिक तापमान -2.3 डिग्री सेल्सियस है। जाड़े के मौसम में तो यह घटकर -47 डिग्री सेल्सियस तक हो जाती है। छोटी सी इस बस्ती में यहां के लोगों के लिए एक स्कूल, एक पोस्ट आॅफिस,एक बैंक और एक अस्पताल है, जो यहां के लोगों के लिए काफी है।

अब रहा अपेंडिक्स को निकालने का सवाल तो इस स्थान पर डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है और उससे भी कम है यहां सर्जन।यहां स्थित हॉस्पिटल भी बस्ती से 1006 किलोमीटर की दूरी पर है। अपेंडिक्स निकलवाना कोई बड़ी बात नहीं है, बिना अपेंडिक्स के भी इंसान जीवित रह सकता है और ऐसा हमने देखा भी है, लेकिन अब अगर अपेंडिक्स में ही कोई घाव हो जाए या इंफेक्शन हो जाए तो उस स्थिति में इंसान की मौत हो सकती है।

यहां आॅपरेशन करने लायक कोई डॉक्टर नहीं है जो एमरजेंसी में काम आ सकें। ऐसे में लोग अपेंडिक्स को पहले ही निकाल लेने में समझदारी मानते हैं।

अब यह नियम भले ही हमें अजीब लगें, लेकिन यहां के लोगों को इसकी आदत हो चुकी है। उन्हें इसमें कुछ गलत या अद्भूत नहीं लगता और जिसके चलते वे यहां आने से पहले ही शरीर से अपेंडिक्स को हटवा देते हैं।

ये भी पढ़ें:जूते के डिब्बे में अकसर क्यों दी जाती है ये छोटी सी पुड़िया, पूरी सच्चाई जान अब से फेंकने के बजाय करने लगेंगे इकट्ठा