19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

20,000 साल पुराने इस जीव को देख मुंह से निकल जाएगा हे भगवान!

पूरी तलाशी ली तो उनका शक यकीन में बदल गया यह वही विशालकाय हाथी के अवशेष जो हज़ारों पहले विलुप्त हो चुका था।

2 min read
Google source verification
rancher found 2000 years old colossal columbian mammoth near river

20,000 साल पुराने इस जीव को देख मुंह से निकल जाएगा हे भगवान!

नई दिल्ली। संयुक्त राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित राज्य है मोन्टाना जहां विशाल कोलंबियाई हाथी के अवशेष मिले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, विशाल कोलंबियाई हाथी के यह अवशेष लगभग 20,000 साल पुराने है। जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले साल एक मछवारे को दक्षिणी-पूर्वी मोन्टाना में पाउडर नदी के किनारे घूमते समय एक विशाल चीज के होने की संभावना जताई। उसके बाद यह खबर पुरातत्व संग्रहालय तक पहुंची इसके बाद उन्होंने तब जमीन के मालिक संपर्क कर उस जगह की खोज करने की इच्छा जताई। जानकारी के लिए बता दें कि, की प्राचीनकाल में इस तरह के हाथी एकाएक खत्म हो गए और विलुप्त हो गए। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस ज़मीन पर इस विशालकाय हाथी के अवशेष मिले थे वह ज़मीन रान्डल नाम के एक शख्स की थी।

Mammoth near river" src="https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/22/mnkaq_3293248-m.jpg">

जानकारी के लिए बता दें कि, पुरातत्व विभाग ने खोजबीन की तो उन्हें नदी के किनारे विशालकाय हड्डियां नज़र आ रही थीं। उनका कहना है "पहले तो हम यकीन नहीं कर पाए आखिर यह वही है जिसे हम इतने दिनों से खोज रह थे" लेकिन जब इन लोगों ने जगह की पूरी तलाशी ली तो उनका शक यकीन में बदल गया यह वही विशालकाय हाथी के अवशेष जो हज़ारों पहले विलुप्त हो चुका था। जानकारी के लिए बता दें कि पुरातत्व विभाग को उस अवशेष को संग्राहलय ले जाने में काफी समय लगा। टीम की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार सभी हड्डियों को संग्राहलय ले जाया गया। माना जाता है कि, भारतीय सभ्यता को बनाने में कुछ जानवरों का योगदान था जिसमें से हाथी यानी ऐरावत भी शामिल थे, यूं तो ऐरावत को इंद्र भगवान का वाहन माना जाता है और जो वज्र वो धारण करते थे वो भी इसी के हड्डियों से बना होता था। मोन्टाना में मिले इस हाथी का आकार किसी ऐरावत से काम नहीं है जब यह इतना बड़ा है तो इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐरावत का आकार कितना बड़ा रहा होगा।