
बच्चे के रिजल्ट का खुशी-खुशी इंतजार कर रहे थे माता-पिता, लेकिन फिर हुआ कुछ ऐसा की उड़ गए होश
नई दिल्ली: बच्चे स्कूल ( School ) जाते हैं और साल भर मेहनत से पढ़ाई करने के बाद अपने रिजल्ट ( result ) का इंतजार करते हैं, लेकिन अगर रिजल्ट उनके नाम पर जारी न होकर किसी और के नाम पर जारी हो जाए तो उस बच्चे के दिल पर क्या बीतेगी। इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। आइए आपको एक ऐसे ही मामले से रूबरू करवाते हैं।
दरअसल, हर साल 30 मार्च के दिन सभी विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जाता है। इस साल भी ऐसा ही हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के शिक्षा विभाग ( Education Department ) ने एक ऐसी लापरवाही कर दी कि अब वो खुद नहीं समझ पा रहे कि ये हुआ कैसे। जौनपुर ( Jaunpur ) जिले के 2416 प्रथामिक और 878 विद्यालयों में 3.81 लाख छात्र पढ़ते हैं, जहां छात्रों के रिजल्ट में छात्रों के नाम की जगह उनके माता-पिता का नाम लिख दिया गया। यानि कि रिजल्ट बच्चों की जगह उनके माता-पिता के नाम पर जारी हुआ और ये कारनामा कर दिखाया उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ( Uttar Pradesh Basic Education Council ) ने।
रिजल्ट को अगर ध्यान से देखा जाए तो तो इसमें माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, रोल नंबर, आधार कार्ड ( Aadhar card ) नंबर समेत अन्य कॉलम हैं, लेकिन बच्चे के नाम के लिए कोई कॉलम ही नहीं है। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह के मुताबिक, रिजल्ट की छपाई का ई-टेंडर स्थानीय स्तर पर दिया गया था और इसका प्रारूप निदेशालय की तरफ से ही भेजा गया था। देखा जाए तो जब कई महीने पहले रिजल्ट की छपाई हुई तो गलती उसी वक्त हो चुकी थी, लेकिन किसी ने भी इसे ठीक करने की नहीं सोची और स्कूलों की तरफ से माता-पिता के नाम पर ही रिजल्ट जारी कर दिए गए।
Updated on:
02 Apr 2019 11:40 am
Published on:
02 Apr 2019 11:13 am
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