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केन्या की झील में दफन है धरती पर जन्मे पहले इंसान का राज, कंकाल से हुआ खुलासा

Turkana Lake : साल 1984 में मिले कंकाल से पता चला कि इंसान किसी एक प्रजाति का अंश नही है केन्या के वैज्ञानिक रिचर्ड लीकी ने 1968 में इंसानों की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की थी

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Turkana Lake

नई दिल्ली। धरती पर इंसान का जन्म कब हुआ इस बात को लेकर कई थ्योरीज हैं। इंसानों को बंदरों और आदिमानव का अंश माना जाता है। इंसानों के अस्तित्व की इस गुत्थी को सुलझाने में केन्या की झील में मिले आठ साल के बच्चे के कंकाल ने काफी मदद की। इससे जानकारों का मानना है कि मानव से पहले धरती पर आदि मानव की कई और प्रजाति भी थीं। जिनमें होमो इरेक्टस, होमो हैबिलिस और पैरेन्थ्रोपस बोइसी शामिल है। नए कंकाल के मिलने से इसमें होमो रुडोल्फेन्सिस का भी नाम जुड़ गया।

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मानव जाति के जन्म के राज को खुद में समेटे इस झील का नाम तुर्काना है। यहां साल 1984 में मिले आठ साल के बच्चे के कंकाल ने मानव प्रजाति को विस्तार से समझने में मदद की। वैज्ञानिकों के मुताबिक आज से करीब बीस लाख साल पहले धरती पर पहला इंसान पैदा हुआ था। तब से कुदरत में बहुत से बदलाव हो चुके हैं।इस झील से हमें पता चला कि लाखों साल पहले के इंसान कैसे रहते थे, क्या खाते थे? वैज्ञानिकों का मानना है कि बीस लाख साल पहले,ये झील बहुत बड़ी थी। मगर वातावरण में हुए बदलाव के चलते अब ये झील रेगिस्तान में तब्दील हो गया है। चूंकि पहले यहां हरियाली थी, इसलिए खाना आसानी से मिल जाता था। तभी यहां मिले आदि मानव के कंकाल इस बात के सबूत हैं।

जांच में यह भी पता चला कि ये झील ज्वालामुखी की गतिविधियों वाले इलाके में मौजूद है। इसलिए धरती के अंदतर होने वाली हलचल से ऊपरी सतह पर भी बदलाव होते हैं। तभी यहां मारे गए आदि मानवों के कंकाल धरती में समा गए। बात में केन्या के वैज्ञानिक रिचर्ड लीकी ने 1968 में इनकी खोज शुरू की थी। उन्हें पहली कामयाबी 1972 में मिली। उस दौरान उन्हें एक होमो रुडोल्फेन्सिस नाम के आदि मानव के सिर का कंकाल मिला। इससे पता चला कि आज का इंसान किसी एक प्रजाति का अंश नहीं है, बल्कि ये कई प्रजातियों का मिलाजुला स्वरूप है।