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दुकानदार न होने के बावजूद भी दुकान में हो रही है सामानों की बिक्री, पैसे को लेकर भी नहीं होती है कोई गड़बड़ी

ग्राहक चीजों को खरीदकर ले जाते हैं और जो भी पैसा बनता है उसे दुकान में रखे बॉक्स पर डालकर चले जाते हैं।

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Arijita Sen

Feb 10, 2019

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दुकानदार न होने के बावजूद भी दुकान में हो रही है सामानों की बिक्री, पैसे को लेकर भी नहीं होती है कोई गड़बड़ी

नई दिल्ली। किसी भी दुकान में दुकानदार का होना स्वाभाविक है क्योंकि बिना दुकानदार के दुकान की देख-रेख नहीं हो पाएगी। हालांकि आज हम आपको जिस दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं वहां कोई दुकानदार नहीं है। यहां आने वाले ग्राहक अपनी इच्छा से चीजों को खरीद सकते हैं।

केरल के कन्नूर में स्थित इस दुकान की बात ही अलग है। इस दुकान में कोई नहीं रहता है। ग्राहक आकर अपनी इच्छा से चीजों को खरीदकर ले जाते हैं और जो भी पैसा बनता है उसे दुकान में रखे बॉक्स पर डालकर चले जाते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी किसी दुकान को खोलने के पीछे की वजह क्या है? दुकान से क्या कभी कोई सामान चोरी नहीं होता? अगर दुकान में कोई नहीं है तो बॉक्स में रखा पैसा किसके पास जाता है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने जा रहे हैं।

दरअसल, इसी साल 1 जनवरी को केरल के कन्नूर में स्थित Vankulathuvayal इलाके में इस दुकान की शुरूआत की गई। शॉप को ‘जनशक्ति ट्रस्ट’ नामक एक संस्था चलाती है। दुकान में मिलने वाली हर एक चीज का निर्माण दिव्यांग करते हैं और इनकी बिक्री से जो भी पैसा मिलता है उससे इन्हीं दिव्यांग लोगों की मदद की जाती है।

सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक यह दुकान खुली रहती है। इस दौरान यहां कोई गड़बड़ी न हो इस वजह से सीसीटीवी कैमरे फिट किए गए हैं। इसके साथ साथ आसपास के सब्जी बेचने वाले विक्रेता भी दुकान पर नजर रखने का काम करते हैं।

दुकान के दरवाजे पर एक बोर्ड लगी हुई है जिस पर लिखा है कि यहां कोई दुकानदार नहीं है। यहां आप अपने मन से जो चाहें खरीद सकते हैं, बस उचित मूल्य आपको यहां रखे बॉक्स में डाल देना है।

फिलहाल इस दुकान का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है क्योंकि लोग सामान भी खरीद रहे हैं और पैसों को लेकर भी कोई गड़बड़ी अभी तक नहीं हुई है। इस दुकान से सामान भी खरीद रहे हैं और पैसे भी पूरे डाल रहे हैं।

दुकान की सफलता को देखते हुए जनशक्ति ट्रस्ट के संस्थापक सुगुनन पीएम उम्मीद जताते हैं कि भविष्य में इस तरह की और भी कई दुकानों को शुरू किया जा सकता है।