
नई दिल्ली। मिण्टु बाबू का जन्म 28 फरवरी 2017 को हुआ था। दो साल का होने के बाद ही उसकी जिंदगी बदल गई। दो साल के अंदर-अंदर मिंटू जमींदार बन गया। अब उसके लिए महल बनाने की तैयारी है। यहां हम जिसका ज़िक्र कर रहे हैं वो कोई इंसान नहीं बल्कि एक बंदर है। मिंटू ( Monkey Mintu Babu ) के मालिक के अपनी पूरी जायदाद और सारा कारोबार ( business ) बेचकर उसके लिए महल बनाने की ठानी है। मिंटू को अपना मानने वाले शुभ्रांशु शेखर नाथ ने अगर महल बना दिया तो ये इतिहास के पन्नों पर लिखा जाएगा।
यह सोचने वाली बात है कि असम के सिलचर शहर में रहने वाले शुभ्रांशु शेखर नाथ ने ऐसा फैसला आखिर क्यों लिया। शेखर नाथ का कहना है कि मिंटू जब से उनकी ज़िंदगी में आया है तब से उनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल गई है। कभी विदेश जाकर बसने की योजना बनाने वाले शेखर को मिंटू ने विदेश जाने से रोका।
दरअसल शुभ्रांशु शेखर 24 साल पहले कनाडा में इंजीनियर के रूप में काम करते थे। उनका परिवार अभी भी कनाडा में रहता है। एक बार जब वे कनाडा ने भारत अपने घर आए तो उन्हें वहां मिंटू मिला। मिंटू का साथ मिलने के कुछ ही दिन में उनका विदेश मोह छूट गया। शेखर को मिंटू से ऐसा लगाव हुआ कि वो उसे अपने बेटे और भाई जैसा दर्जा देते हैं। शेखर का मिंटू के लिए प्यार का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अब वे उसके लिए महल बनाने के साथ-साथ उसकी शादी भी कराएगें। शुभ्रांशु ने मिंटू का रिश्ता मैकि नाम की एक बंदरिया से तय किया है। शुभ्रांशु शेखर अब बस अपने परिवार का कनाडा से आने का इंतज़ार कर रहे हैं। जैसे ही वे आएंगे शुभ्रांशु धूमधाम से मिंटू की शादी कराएंगे।
Published on:
19 Jul 2019 04:28 pm
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