29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सिक्‍स्‍थ सेंस को इस तरह से किया जा सकता है जाग्रत, पहले के जमाने में ऋषि ऐसे ही करते थे भविष्य का पर्दाफाश

सिक्‍स्‍थ सेंस इस शब्द के बारे में आपने अपनी जिंदगी में कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर यह सिक्‍स्‍थ सेंस होता क्या है ?

3 min read
Google source verification

image

Arijita Sen

Sep 01, 2018

सिक्‍स्‍थ सेंस

सिक्‍स्‍थ सेंस को इस तरह से किया जा सकता है जाग्रत, पहले के जमाने में ऋषि ऐसे ही करते थे भविष्य का पर्दाफाश

नई दिल्ली। हर इंसान की यही जिज्ञासा रहती है कि आने वाले समय में उसके साथ क्या होने वाला है? इसी सवाल के जवाब के चक्कर में लोग पंडित, बाबाओं और ज्योतिषी के चक्कर लगाते रहते हैं। हालांकि थोड़े से प्रयास से इंसान खुद ही अपने बारे में जान सकता है। भविष्य में उसे किन चीजों का सामना करना पड़ सकता है, इसका पता वह खुद ही अपने सिक्स्थ सेंस के माध्यम से जान सकता है। सिक्‍स्‍थ सेंस इस शब्द के बारे में आपने अपनी जिंदगी में कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर यह सिक्‍स्‍थ सेंस होता क्या है और यह किस तरीके से काम करता है? आइए आज हम आपको इस बारे में बताते हैं।

जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे शरीर में 5 इंद्रियां होती हैं जिनमें आंख,कान,जीभ,नाक और त्‍वचा शामिल है। इसके अलावा एक और सेंस इंसान में मौजूद होता है जिसे देखा नहीं जा सकता है। इसे हम केवल महसूस कर सकते हैं।इसी को सिक्‍स्‍थ सेंस कहते हैं।

जिंदगी में आपने भी कई बार इस चीज को फील किया होगा कि भविष्‍य में होने वाली किसी घटना का अंदेशा आपको पहले से ही हो जाता है। ऐसा सिर्फ हमारी सिक्स्थ सेंस के कारण ही होता है। यह हमें जिंदगी में आगे होने वाली चीजों के प्रति आगाह करता है।

ऐसा नहीं है कि सिक्स्थ सेंस कुछ खास लोगों में ही होता है बल्कि वैज्ञानिकों की मानें तो, यह हर इंसान के अंदर मौजूद रहता है। यह शरीर में मानसिक चेतना से जुड़ी होती है।

बता दें, हमारे कपाल के नीचे एक छोटा सा छिद्र पाया जाता है। यह वही छिद्र है जहां से सुषुम्‍ना नाड़ी रीढ़ से होती हुई मूलाधार तक जाती है। यही सुषुम्‍ना नाड़ी सात चक्रों और छठी इंद्री का केंद्र मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि सिक्‍स्‍थ सेंस शिथिल रूप में होती है।हालांकि इसे चाहें तो आप जाग्रत भी कर सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है।निरंतर और सटीक प्रयास से ऐसा किया जा सकता है। नियमित प्राणायाम से सिक्‍स्‍थ सेंस को जागृत किया जा सकता है।

इसके लिए सबसे पहले दोनों भौहों के बीच ध्यान केंद्रित करें। ऐसा करने से आज्ञा चक्र जागृत होने लगता है और हमारी छठी इंद्रीय सक्रिय हो जाती है।

इसके अलावा आप चाहें तो आंख बंद कर एक-एक कर अपने शरीर के सभी अंगों पर ध्‍यान केंद्रित करें। इस दौरान उन अंगों में होने वाली तमाम शारीरिक क्रियाओं को महसूस करने की कोशिश करें।

कुछ देर तक ऐसा करने से आपको लगेगा कि आपके शरीर के सभी अंग शिथिल हो चुके हैं। नियमित रूप से ऐसा करने पर इंसान अपनी षष्ठ इंद्रिय को जगा सकता है और खुद अपने आने वाले दिनों की भविष्यवाणी कर सकता है।