
मां ने बेटे का शव देखने के बाद कहा, इससे हमारा कोई रिश्ता नहीं, हम क्यों करें अंतिम संस्कार
नई दिल्ली। साउथ कोरिया में लोग जिंदगी को बेहतर करने के लिए और उसे कायदे से समझने के लिए मौत का एहसास कर रहे हैं। यहां के लोग अपनी आंखों के सामने ही अपना अंतिम संस्कार कर रहे हैं। वे जीवन को और अच्छे से समझने के ऐसा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे जीते-जी मरने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। लिविंग फ्यूनरल नाम की इस प्रोग्राम को एक हीलिंग सेंटर ने शुरू किया है। मीडिया एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोग्राम के तहत लोग 10 मिनट तक एक बंद ताबूत में कफन ओढ़कर लेटा दिया जाता है। इसके बाद उस शख्स के लिए सारे अंतिम संस्कार किए जाते हैं।
मौत के कुंए जैसी होती है प्रक्रिया
इसमें शामिल हुए लोगों का कहना है कि 'ये प्रक्रिया मौत के कुंए जैसी होती है और जब आप इस कुंए से निकलते हैं तो जीवन और मृत्यु से हमारा परिचय हो जाता है। ऐसे में आप जीने के लिए अच्छे और बेहतर तरीके अपनाते हैं। जीवन को लेकर आपका नजरिया बदल जाता है। लोग 10 मिनट तक ताबूत में रहकर जीवन के सही मायने समझ जाते हैं।'
परिवार और दोस्त-यार भी होते हैं शामिल
यहां अंतिम संस्कार कराने आने वाले लोगों के साथ उनका परिवार और दोस्त-यार भी शामिल होते हैं। अंतिम संस्कार के दौरान ये सब उस व्यक्ति के लिए अपने मन में बैठे सारे गिले-शिकवों को मिटा देते हैं। परिवार और दोस्त-यारों को समझ आता है कि इस व्यक्ति के जाने के बाद उसकी कमी कितनी खलेगी।
Published on:
07 Nov 2019 01:53 pm
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