
नई दिल्ली। वैसे तो भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है। मगर अंग्रेज यहां से ज्यादातर सोना लूटकर विदेश ले गए हैं। मगर सोने की कुछ परतें आज भी देश में मौजूद है। झारखंड की राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर एक ऐसी नदी है जहां के पानी में रेत की जगह सोना बहता है। इस नदी का नाम स्वर्णरेखा है।
ये नदी रांची से लगभग 15 किलोमीटर दूर आदिवासी इलाके रत्नगर्भा में है। इस नदी के अंदर सोने का इतना भंडार जिसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते। यह नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में बहती है। कहीं-कही इसे सुबर्ण रेखा के नाम से भी पुकारते हैं। इस नदी से निकलने वाले सोने को बेचकर आसपास रहने वाले लोग अपनी आजीविका चला रहा हैं। रेत में सोने के कण कहां से आते हैं, इस रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक बहुत सारी सरकारी मशीनों से सोने के कण निकालने का पता लगाया गया, लेकिन स्पष्ट वजह सामने नहीं आ सकी। आदिवासियों के बीच यह नदी को नंदा नाम से जानी जाती है। इस नदी से जुड़ी हुई एक हैरान कर देने वाली बात ये है कि रांची स्थित ये नदी अपने उदगम स्थल से निकलने के बाद उस क्षेत्र की किसी भी अन्य नदी में जाकर नहीं मिलती, बल्कि यह नदी सीधे बंगाल की खाडी में गिरती है।
Updated on:
05 Dec 2019 05:08 pm
Published on:
05 Dec 2019 05:07 pm
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