
यहां बच्चों से ज़बरदस्ती कराई जाती है ऊंट की सवारी, फिर शुरू होता है खूनी खेल
नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसे खेल हैं जो बैन हैं, लेकिन लोग फिर भी उन्हें खेलते हैं। ऐसे ही मिस्र के इस्मालिया में आज भी इंटरनेशनल कैमल रेसिंग फेस्टिवल होता है। यह फेस्टिवल अक्सर विवादों में रहता है। इस रेस में बच्चे ऊंट की सवारी करते हैं। बता दें कि रेस में भाग लेने वाले बच्चों को चिल्ड्रन जॉकी कहा जाता है। बच्चे कई बार कैमल रेसिंग में घायल हो जाते हैं। इस रेस में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें बच्चे ऊंट से गिरे और दूसरे ऊंट के नीचे आ गए। इस रेस में बच्चों को ऊंट की सवारी करने के लिए उन्हें अलग-अलग देशों से लाया जाता है। कई बार बच्चों को यह रेस करना पसंद नहीं होता, लेकिन उन्हें मजबूरी में इस रेस का हिस्सा बनना पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार और कल्याण संस्था यूनिसेफ इस खतरनाक खेल को कई दशकों से बैन करने की मुहीम चला रही है। साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से इस दौड़ पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। साल 1993 में UNICEF संयुक्त अरब अमीरात में इस खेल पर बैन लगाने में सफल रहा। वहीं कतर में साल 2005 में भी इस दौड़ पर बैन लगा। कतर सरकार ने 2007 में इस दौड़ में बच्चों की जगह रोबोट को दौड़ का हिस्सा बनाया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सन 1990 में भारत के कई बच्चों को इसी रेस का हिस्सा बनाने के लिए अपहरण किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, तस्करी कर बच्चों को खाड़ी के देशों में लाया जाता और फिर ऊंट दौड़ का हिस्सा बनाया जाता था। गौरतलब है कि बच्चों को ही इस रेस का हिस्सा इसलिए बनाया जाता है क्योंकि वह किशोरों की तुलना में वे वजन में हल्के होते हैं। ऐसे में उनके वजन में हल्के होने की वजह से ऊंट तेज दौड़ते हैं।
Updated on:
23 Mar 2019 12:27 pm
Published on:
23 Mar 2019 12:20 pm
बड़ी खबरें
View Allअजब गजब
ट्रेंडिंग
