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इस घिनौनी चीज से बनाई जाती है कैप्सूल की ऊपरी परत, जानकर कर देंगे उल्टी

इसे देखने या छूने से प्लास्टिक जैसा भले ही लगता हो, लेकिन यह प्लास्टिक का नहीं बना होता है बल्कि यह एक पशु उत्पाद होता है।

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Arijita Sen

Aug 29, 2018

Capsule

इस घिनौनी चीज से बनाई जाती है कैप्सूल की ऊपरी परत, जानकर कर देंगे उल्टी

नई दिल्ली। इंसान का शरीर एक मशीन की तरह ही काम करता है। अब जैसे एक मशीन में गड़बड़ी होती है ठीक वैसे ही इंसान की तबीयत भी कभी-कभार बिगड़ जाती है। ऐसा होना बेहद स्वाभाविक है। मशीनें जब खराब होती है तो उसमें ग्रीस-आॅयल लगाकर या कल-पुर्जे को चेन्ज कर उसे ठीक कर देते हैं। इंसान की तबीयत जब खराब होती है तब दवाई की मदद ली जाती है।

तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो हमें तरह-तरह की मेडिसिन्स दिए जाते हैं। इनमें कई सारे सीरप होते हैं, टेबलेट होती हैं और कैप्सूल्स भी होते हैं। इनमें से सभी चीजों का सेवन हमने कभी न कभी अपनी जिंदगी में किया होगा। इनमें सबसे अनोखा होता है कैप्सूल जिसे ऊपर से किसी ट्रांस्पेरेंट चीज से कोट कर दिया जाता है और अन्दर मेन दवाई रहती है।

इसे देखने या छूने से प्लास्टिक जैसा भले ही लगता हो, लेकिन यह प्लास्टिक का नहीं बना होता है। प्लास्टिक जैसे दिखने वाले ये ऊपरी परत जिलेटिन से बनी होती है। अब आपको बता दें कि जिलेटिन एक पशु उत्पाद है। यानी कि इसे बनाने में जानवरों का प्रयोग किया जाता है। जिलेटिन एक रेशेदार पदार्थ होता है जो जानवरों की हड्डियों या स्किन को उबालकर निकाला जाता है। इसके बाद इसका प्रॉसेस किया जाता है और इसे चमकदार और लचीला बनाया जाता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान समय करीब 98 फीसदी दवा कंपनियां जिलेटिन कैप्सूल का इस्तेमाल कर रही हैं। यह बात उस समय सामने आई थी जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों की एक कमिटी का गठन किया था जो इस पशु उत्पाद से बने कैप्सूल की जगह पौधों से बने कैप्सूल बनाएगा। बता दें, साल 2016 के मार्च के महीने इस कमिटी को बनाया गया था।

केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बात की सलाह दी थी कि “जिलेटिन कैप्सूल” की जगह पौधों से बने कैप्सूल के इस्तेमाल की संभावनाओं पर गौर फरमाया जाए। इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और शाकाहार लोगों को इसके सेवन में दिक्कत आ सकती है।