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भारत के 5 अजीबोगरीब गांव, कहीं हैं सिर्फ करोड़पति तो कहीं 50 साल से नहीं हुई शादी

Weird Villages of India : भारत में ऐसे कई गांव हैं जहां की अपनी अलग खासियत है। कुछ तो ऐसे हैं जिनके अजीबोगरीब नियमों के बारे में सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। आज हम आपको उन्हीं गांवों के बारे में बताएंगे।

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भारत में ऐसे कई गांव हैं जो किसी न किसी कारण की वजह से मशहूर हैं। कुछ गांव अपनी खूबसूरती के लिए फेमस हैं तो कुछ अपनी साफ-सफाई के लिए जाने जाते हैं। वहीं कुछ गांव ऐसे भी हैं जो अपने अजीबोगरीब नियमों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। आज हम आपको भारत के 5 ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जहां खूबसूरती तो है, साथ ही ये गांव अपने अजब गजब कारणों से पूरे देश में अपनी पहचान बना चुके हैं। इन गांवों के बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।

हिवारे बाजार गांव, महाराष्ट्र

सबसे पहले बात करते हैं महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित हिवारे बाजार गांव की। भारत के इस गांव ने साबित किया है कि गांव के लोग गरीब नहीं होते हैं। इसीलिए यह गांव करोड़पति गांव के नाम से मशहूर है। यहां रहने वाले 50 से ज्यादा लोग करोड़पति हैं। विकास और समुदाय आधारित प्राकृतिक संसाधन मैनेजमेंट से इस गांव के लोगों को मदद मिली है। यह गांव भारते के आदर्श गावों में शामिल है।


लोंगलों वा गांव, नागालैंड

नागालैंड के मोन जिले में स्थित लोंगलों वा गांव प्रदेश के सबसे बड़े गांव में से एक है, लेकिन यह गांव इसके कारण से अजीब नहीं है बल्कि यहां के प्रधान का घर जिसे स्थानीय भाषा में अंग या राजा कहा जाता है, भारत और म्यांमार के बीच भौगोलिक सीमा में मौजूद है। अगर आप राजा के घर में स्थित हैं, तो आप एक ही समय में म्यांमार और भारत में मौजूद हो सकते हैं। गांव के लोगों के पास दोहरी नागरिकता है।

बड़वां कला गांव, बिहार

बिहार के कैमूर हिल्स में स्थित बड़वां कला गांव के बारे में एक अनोखी बात जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव में 2017 तक यानी 50 सालों तक कोई शादी नहीं हुई थी। साल 2017 के बाद जाकर इस गांव में बारात आई। उससे पहले बड़वां कला गांव को बैचलर ऑफ विलेज के नाम से जाना जाता था। यहां तक पहुंचने के लिए सिर्फ एक तरीका 10 किमी का ट्रेक था। यहां कोई पक्की सड़क नहीं थी जिसके कारण यहां गाड़ी लाना काफी मुश्किल था। बाद में ग्रामीणों ने यहां सड़क बनाई जिसके बाद जाकर यहां शादी संभव हो सकी।

मत्तूर गांव, कर्नाटक

इस गांव में ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन में बातचीत करने के लिए संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। अनोखा गांव मत्तूर कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में स्थित है। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है, लेकिन इस गांव में लोग संस्कृत के साथ सहज हैं। आपके मन में सवाल खड़ा हो रहो होगा कि इसमें अनोखा क्या है? प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत है, लेकिन अब यह सक्रिय रूप से नहीं बोली जाती है। भारत के कुछ स्कूलों में संस्कृत पढ़ायी जाती है, लेकिन फिलहाल भारत में इसका इस्तेमाल धार्मिक समारोहों तक सीमित है। मत्तूर गांव के लोगों के लिए यह सामान्य भाषा है।

शनि शिगनापुर गांव, महाराष्ट्र

भारत के हर घर में दरवाजे होते हैं जिन्हें लोग सुरक्षा के लिहाज से कहीं बाहर जाते समय या सोते समय बंद रखते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र के शनि शिगनापुर गांव में लोगों के घर के दरवाजे ही नहीं हैं। इस कारण से यह गांव पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां रहने वाले लोग शनिदेव के सच्चे भक्त हैं। उनका मानना है कि जो कोई भी गांव में किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाएगा, वह शनि देव के प्रकोप का शिकार बनेगा।