
क्या वाकई में सांपों के नहीं होते हैं पैर, वैज्ञानिकों ने गौर फरमाया तो निकलकर आई हैरान कर देने वाली सच्चाई
नई दिल्ली।सांप एक ऐसा जीव है जिसे देखने से ही लोगों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जिनके शरीर में सांप के नाम से ही सिहरन पैदा हो जाती है। दुनिया में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती है। हर एक की बनावट और विशेषताएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। समय-समय पर वैज्ञानिकों ने सांपों की विभिन्न प्रजातियों पर कई तरह के रिसर्च किए हैं। हालांकि सांपों के बारे में आज भी कई ऐसी बातें हैं जो रहस्य बनी हुई हैं।
अकसर इन्हें लेकर एक सवाल हमारे दिमाग में आता रहता है और वह ये कि सांपों के पैर क्यों नहीं होते हैं? इसके पीछे की वजह क्या है? बिना पैरों के ये चलते कैसे है?
यूनाइटेड किंगडम के देश स्कॉटलैंड में स्थित एडिनबर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस रहस्य को सुलझाने का प्रयास किया। अपने एक अध्ययन में उन्होंने 90 साल पुराने सांप के अवशेषों और आधुनिक सांपों के बीच तुलनात्मक अध्ययन कर इस सवाल के जवाब को ढूंढने की कोशिश की।
रिसर्च में मिलें निष्कर्ष का खुलासा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि,सांप हमेशा से ही बिल में रहते हैं, इन बिलों में सीधी तरीके से चलने की जगह नहीं होती। इसी वजह से अपने घरों में घुसने के लिए उन्हें रेंगकर अंदर जाना पड़ता था।
रेंगने की इसी आदत की वजह से धीरे-धीरे उनके पैर छोटे होते गए और वक्त के साथ-साथ पीढ़ी-दर-पीढ़ी उनके पैर विलुप्त होते गए। यानि कि सांपों के पैर ना होने की वजह उनके पूर्वज ही हैं।
वैज्ञानिकों ने 3 मीटर लंबी सांपों की विलुप्त हो चुकी प्रजाति डिनिलिसया पैटागोनिका के कान की भीतरी हड्डी के सिटी स्कैन कर उसका भी परीक्षण किया। इसमें यह बात सामने आई कि सांपों में कैविटी और कैनाल ही उनके सुनने की शक्ति को नियंत्रित करती थी।
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि,डिनिलिसया पैटागोनिका ही सांपों की सबसे बड़ी प्रजाति थी। इस पूरे अध्ययन को साइंस एडवांसेजस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
Published on:
24 Sept 2018 12:05 pm
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