
Overweight during pregnancy: गर्भावस्था के दौरान वजन बढऩा इस प्रक्रिया का एक हिस्सा माना जाता है, लेकिन यदि इस दौरान वजन तेजी से बढ़ रहा है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। इस समय गर्भवती महिला के हाथ-पैरों में सूजन, वॉटर रिटेंशन की मॉनिटरिंग की जाती है, ताकि महिला का वजन सामान्य से अधिक बढऩे के कारण पता चल सके।
वैसे गर्भावस्था के दौरान महिला का बीएमआइ 18 से 25 के बीच हो तो इसे आदर्श स्थिति मानी जाती है। महिला गर्भवती होने से पहले ही मोटापे से ग्रसित है तो डॉक्टर ऐसे महिलाओं को वजन कम ही रखने की सलाह देते हैं।
मोटापे के रिस्क फैक्टर
गर्भावस्था के दौरान मोटापे के रिस्क फैक्टर्स की अगर बात करें तो इसके कई तरह के जोखिम हैं।
गर्भपात : वजन ज्यादा होने की वजह से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाओं में प्री-एक्लेम्पसिया के लिए भी उनका मोटापा ही जिम्मेदार होता है। इस स्थिति में उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे गर्भपात का खतरा भी दोगुना हो जाता है। मां के मोटापे का असर बच्चे पर भी समान रूप से पड़ता है।
प्री-टर्म बेबी: गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले पैदा हुए बच्चों को प्री-टर्म बेबी कहा जाता है। इनमें संक्रमण का खतरा सामान्य शिशुओं के मुकाबले अधिक होता है। मोटापे की वजह से प्री-टर्म बेबी का खतरा अधिक होता है।
सी-सेक्शन: अक्सर अधिक वजनी महिलाओं में सामान्य प्रसव के बजाय सी-सेक्शन के मामले अधिक देखे जाते हैं। ऐसे में अगर वजन 25 बीएमआइ से अधिक है तो गर्भावस्था के दौरान इसकी आशंका भी बढ़ जाती है।
जैस्टेशनल डायबिटीज : गर्भावस्था के दौरान खून में ग्लूकोज की मात्रा काफी ज्यादा हो जाती है। यदि किसी गर्भवती महिला का वजन तेजी से बढ़ रहा है तो उसे जैस्टेशनल डायबिटीज की आशंका भी हो सकती है।
इन बातों पर ध्यान दें
गर्भावस्था के दौरान मोटापे से ग्रसित महिलाओं को डाइट काउंसलिंग जरूर करनी चाहिए। इस दौरान पौष्टिक खाने पर अधिक जोर देना चाहिए। डॉक्टर और डायटीशियन की सलाह से ही डाइट पर ध्यान दें।
व्यायाम करने चाहिए, लेकिन इसमें भी डॉक्टर या ट्रेनर के बताए अनुसार ही व्यायाम करें।
अभी कोविड संक्रमण फैला हुआ है, इसलिए घर में या छत पर जगह है तो वॉक जरूर करें।
कोविड-19 से संक्रमित होने पर खुद से ही दवाइयां न लें, बल्कि चिकित्सक से परामर्श के बाद ही लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
20 Aug 2023 12:05 pm
Published on:
20 Aug 2023 12:00 pm
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