
प्रतीकात्मक छवि
Planet Parade: जनवरी की शुरुआत में उल्कापात के बाद अब आसमान में एक और दुर्लभ खगोलीय घटना होने वाली है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इसे ‘ग्रहों की परेड’ कहा है। इस दौरान अंतरिक्ष में एक-दूसरे से करोड़ों किलोमीटर दूर होने के बावजूद 6 ग्रह एक कतार में नजर आएंगे। ये नजारा 21 से 31 जनवरी तक पूरी दुनिया में दिखाई देगा। NASA के वैज्ञानिकों के मुताबिक रात को आसमान में 6 ग्रह शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक साथ नजर आएंगे। इनमें से चार ग्रहों को आंखों से देखा जा सकेगा, जबकि नेप्च्यून और यूरेनस को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत होगी।
दस दिन तक सूर्यास्त के बाद आसमान में रात 8:30 बजे से यह दुर्लभ नजारा (Planet Parade) दिखेगा। रात करीब साढ़े 11 बजे बाद बाकी ग्रह गायब होने लगेंगे, लेकिन बृहस्पति (Jupiter), मंगल (Mars) और यूरेनस (Uranus) रातभर दिखेंगे। मार्च के अंत में बुध (Mercury), शनि और नेपच्यून के सूर्य के बहुत करीब चले जाने से इनकी दृश्यता कम हो जाएगी।
इस खगोलीय घटना में मंगल ग्रह सबसे चमकीला नजर आएगा। यह सूर्यास्त के समय पूर्व दिशा में उगेगा और पूरी रात दिखाई देगा। सूर्योदय के समय पश्चिम में अस्त हो जाएगा। इसकी चमक दूसरे सितारों से ज्यादा होगी, क्योंकि पृथ्वी और इसके बीच की दूरी कम हो जाएगी।
सात ग्रह मंगल, बृहस्पति, यूरेनस, शुक्र, नेपच्यून, शनि और बुध आठ मार्च को फिर एक कतार में नजर आएंगे। यह नजारा भी करीब 10 दिन दिखाई देगा। जनवरी की परेड में बुध ग्रह नजर नहीं आएगा। वास्तव में ग्रह कतार में नहीं होते, लेकिन सूर्य के करीब से गुजरने के कारण ये पृथ्वी से पंक्तिबद्ध नजर आते हैं।
आसमान में एक साथ एक कतार में 6-6 ग्रह दिखाई देने पर NASA की रिपोर्ट ने कहा है कि ये घटना पूरी दुनिया में देखी जा सकती है। भारत (Planet Parade in India) में इस घटना को देखने का सबसे अच्छा समय़ 21 जनवरी को सूर्यास्त के बाद लगभग 8:30 बजे होगा। जब सूरज अस्त हो जाएगा और आसमान में अंधेरा हो जाएगा तो ये ग्रह एक सीध में दिखाई देंगे। लेकिन नेपच्यून और यूरेनस को देखने के लिए आपको टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी।
वहीं आसमान में इन ग्रहों की दृश्यता स्थानीय मौसम पर भी निर्भर करती है। आसमान साफ होने पर ही ये नजारा आप देख सकते हैं। प्रदूषण की धुंध, कोहरे से आप इस नजारे को नहीं देख पाएंगे। ज्यादा रोशनी में भी ये दृश्य देखने में मुश्किल आ सकती है। इसके लिए आपको बिल्कुल अंधेरे वाले स्थान पर जाना होगा।
लोगों के मन में सवाल ये है कि आखिर ये ग्रह एक सीध में एक लाइन में कैसे दिखाई दे रहे हैं। दरअसल ये घटना तब होती है जब पृथ्वी और सौर मंडल के दूसरे ग्रह एक सीधी रेखा में होते है। संभवतः सूर्य के एक ही तरफ। वहीं इस बात की संभावना भी बहुत कम होती है क्योंकि सौरमंडल के सभी ग्रहों की कक्षा एक जैसी नहीं है फिर भी एक निश्चित वक्त पर कुछ ग्रहों का संरेखण होता है।
जब ये ग्रह आसमान में एक-दूसरे के नजदीक दिखाई देते हैं क्योंकि जब वे एक दूसरे के पास होते हैं। बता दें कि ये धरती से देखने पर ये ग्रह एक दूसरे के पास दिखाई देते हैं लेकिन असल में ये अंतरिक्ष में एक-दूसरे से लाखों मील की दूरी पर होते हैं। और इतना ही नहीं भौतिक रूप से ये ग्रह इस तरह से एक लाइन में नहीं होते जैसे कि धरती से आसमान में देखने पर दिखाई देते हैं।
Published on:
06 Jan 2025 11:31 am
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