
Jharkhand laborers
Jharkhand Laborers Trapped : झारखंड के 70 मजदूर मलेशिया में फंस गए हैं। वहां की एक कंपनी में अच्छी सैलरी और बेहतर सुविधाएं दिलाने का वादा कर ले जाए गए इन मजदूरों को चार महीने से सैलरी नहीं मिली है। हालत यह है कि उन्हें दो वक्त के भोजन के लाले पड़ गए हैं। मजदूरों (Laborers)ने झारखंड और केंद्र सरकार के नाम वीडियो मैसेज जारी कर वतन वापसी की गुहार लगाई है। सभी मजदूर झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह, हजारीबाग व बोकारो जिले के रहने वाले हैं। बुधवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वीडियो में अपनी (fraud) व्यथा सुनाई। इन मजदूरों का कहना है कि वे करीब एक साल पहले मलेशिया (Malaysia) लाए गए थे। उनसे अच्छी सैलरी के साथ-साथ आवास व स्वास्थ्य बीमा आदि सुविधाओं का वादा किया गया था। शुरुआत के तीन-चार महीने उन्हें वादे के अनुसार सैलरी भी दी गई, लेकिन इसके बाद से उनका भुगतान रोका जाने लगा। अब उनकी चार महीने की सैलरी बकाया हो गई है। इधर कंपनी के लोगों ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उन्हें कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
मजदूरों ने कहा है कि उनमें से कई लोगों की तबीयत खराब हुई, लेकिन उनका इलाज नहीं करवाया गया। वहीं विरोध करने पर धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने भारत सरकार और झारखंड सरकार से कंपनी के पास बकाया सैलरी का भुगतान करवाने और वतन वापसी करवाने की मांग की है।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है, जब झारखंड के मजदूर विदेशों में फंसे हैं। एक साल के दौरान यह सातवीं-आठवीं घटना सामने आई है। हाल में सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 27 कामगार फंस गए थे, जिनकी विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद वापसी हुई थी। सऊदी अरब में भी 40 से ज्यादा कामगार फंसे हुए थे। इनमें से 14 जनों की इसी महीने वापसी हुई है, जबकि बाकी मजदूरों को वापस लाने का प्रयास चल रहा है। मजदूरों के मुद्दों पर काम करने वाले सिकंदर अली ने भी सरकार से इस मामले में कदम उठाने की अपील की है।
Updated on:
25 Sept 2024 09:21 pm
Published on:
25 Sept 2024 07:48 pm
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