
सिंगापुर में 91 वर्षीय एक कर्मचारी जेडन। (फोटो: Instagram /@jadentysonlaing)
91 Year Old Singapore Worker: सिंगापुर में 91 साल के एक बुजुर्ग (91 Year Old Singapore) ने इस उम्र में भी खूब काम कर के सबको हैरान कर दिया है। वे रोजाना 12 घंटे की शिफ्ट में बाथरूम साफ करते हैं (12 Hour Shift Worker), उसके बावजूद चुस्त-दुरुस्त हैं। उनके फिट रहने का राज़ सुन कर आप भी आश्चर्य करेंगे। कोई जिम, कोई स्पेशल डाइट नहीं – बस सामान्य खाना और खुश रहना। यह कहानी एक ऑस्ट्रेलियाई यात्री जेडन लैंग के वीडियो से वायरल (Viral Fitness Secret) हुई। जेडन ने उन्हें लंच के पैसे दिए, बातचीत रिकॉर्ड की, और इंस्टाग्राम पर डाला। अब अभिनेता आर माधवन ने शेयर कर इसे और फैलाया। अब इससे लाखों लोग प्रेरित हो रहे हैं। बात यह है कि जेडन सिंगापुर घूम रहे थे। एक पब्लिक बाथरूम में उन्होंने बुजुर्ग को मेहनत करते हुए देखा। सोचा– लंच के लिए कुछ मदद कर दें। बात शुरू की – "आप कैसे हैं?" बुजुर्ग ने शर्माते हुए कहा, "ठीक हूं।" फिर पूछा, "आज का दिन कैसा है?" वे ठीक से सुन नहीं पाए, बोले, "91 साल का हूं।" जेडन चौंक गए, "क्या! आप अभी भी काम कर रहे हो? कमाल हो यार!" बुजुर्ग मुस्कुराए और बोले, शाम 7 बजे तक ड्यूटी, रोज 12 घंटे काम। जेडन ने पूछा, "इतनी उम्र में फिट कैसे हैं?" जवाब मिला, "नॉर्मल खाना खाता हूं।" व्यायाम पर ? "कभी नहीं किया (No Exercise Healthy)।" जेडन हंस पड़े, "तब तो तुम तो सुपरमैन हो!"
यह क्लिप सितंबर में पोस्ट हुई, लेकिन माधवन के शेयर से नया जीवन मिला। लोग कमेंट्स में खूब प्यार लुटा रहे। एक यूजर ने लिखा, "वे फिट हैं, क्योंकि हमेशा एक्टिव और लोगों से घिरे रहते हैं। व्यायाम जरूरी नहीं है, खुशी जरूरी है। वे काम खुशी से करते हैं।" दूसरा यूजर बोला, "इंटरनेट की बेस्ट चीज आज।" तीसरा यूजर, "जेडन ने दिन पूछ कर उन्हें स्पेशल फील कराया, सम्मान।" चौथा यूजर, "डेली एक्टिविटी ही उनका जिम।" बुजुर्ग की सादगी दिल जीत रही है। आजकल युवा जल्दी रिटायरमेंट प्लान करते हैं, लेकिन वे 91 में भी मेहनतकश हैं। कोई शिकायत नहीं, बस मुस्कान। वीडियो में उनकी विनम्रता साफ दिखी। सिंगापुर जैसे व्यस्त शहर में ऐसे लोग प्रेरणा देते हैं। उनकी जिंदगी बताती है कि उम्र सिर्फ नंबर है, असली ताकत मन में है।
इस पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। क्या व्यायाम जरूरी है? कई लोग कहते हैं, नहीं – एक्टिव रहो, खुश रहो। बुजुर्ग का काम ही उनका वर्कआउट है। लोगों से मिलना-जुलना मानसिक स्वास्थ्य देता है। माधवन ने कैप्शन में लिखा, "प्रेरणा का स्रोत।" इस वीडियो को मिलियंस पार व्यूज मिले। युवा कमेंट कर रहे हैं, "अंकल से सीखो, बहाने मत बनाओ।"
बहरहाल यह स्टोरी साबित करती है कि फिटनेस महंगी नहीं है। सरल जीवन, नियमित काम व अच्छा खाना काफी है। बुजुर्ग जैसे लोग समाज की रीढ़ हैं। उनकी मुस्कान बताती है कि खुशी सबसे बड़ी दवा है। जेडन का जज्बा भी सराहनीय है– छोटी मदद, बड़ा असर। सिंगापुर में ऐसे वर्कर्स आम हैं, लेकिन यह क्लिप कुछ स्पेशल है। लोग शेयर कर रहे हैं, "91 और रॉकिंग!"
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Updated on:
16 Nov 2025 06:53 pm
Published on:
16 Nov 2025 06:49 pm
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