
Chess Board
Ban On Chess Afghanistan: दुनिया का हर देश चाहता है कि उसकी युवा पीढ़ी की नॉलेज और बौद्धिक क्षमता बढ़े। इसके लिए कई देश बच्चों को पढ़ाई के अलावा खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन अफगानिस्तान की कहानी इसके बिल्कुल उलट है। जहां की सरकार ने शतरंज खेलने पर सिर्फ इस डर के कारण प्रतिबंध लगा दिया, ताकि वहां के लोगों की नॉलेज और बौद्धिक क्षमता न बढ़ जाए। तलिबान सरकार के अचानक लिए गए इस फैसले से अफगानिस्तान के शतरंज खिलाड़ियों के करियर पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
अफगानिस्तान के शतरंज खिलाड़ी शूजा (बदला हुआ नाम) सरकार के इस फैसले से काफी निराश डरे हुए हैं। उन्होंने कहा, अगर अब अफगास्तिान में शतरंज का कोई टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है, तो आयोजकों और खिलाड़ियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्हेें बहुत तरह की सजाएं दी जाएंगी।
2018 में बटुमी ओलंपियाड में डी श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने वाली अफगानिस्तान चेस टीम का हिस्सा रहे सुलेमान अहमद अशरफी कहते हैं कि मुझे अब इस देश में नहीं रहना। उन्होंने कहा, यहां कानून नहीं बल्कि जंगलराज है। यदि आपको गिरफ्तार किया जाता है तो वे अपनी मर्जी के मुताबिक आपके साथ कुछ भी कर सकते हैं।
Afghanistan's Talibani Government: तालिबान सरकार के खेल निदेशालय के प्रवक्ता अटल मशवानी ने प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा, इस्लामी शरिया कानून में शतरंज को जुए का साधन माना जाता है। शतरंज के खेल के संबंध में धार्मिक विचार हैं। जब तक इन विचारों पर ध्यान नहीं दिया जाता, अफगानिस्तान में शतरंज के खेल पर प्रतिबंध रहेगा।
-तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (एएनसीएफ) के सभी पदाधिकारियों ने देश छोड़ दिया। वे वर्तमान में निर्वासित होकर, दूसरे मुल्कों से अपना काम कर रहे हैं।
-528 अफगानी खिलाडिय़ों के नाम फिडे के रेकॉर्ड में दर्ज हैं, लेकिन इसमे से कोई ग्रैंडमास्टर और अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी नहीं है।
Published on:
22 May 2025 07:24 am
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