
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान के राजनीतिक अस्तित्व और वहां के मौजूदा हालात को देखते हुए पांच देशों की एक बैठक होने जा रही है। इस बैठक में भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, रूस और ईरान शामिल होंगे। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद यह पहली बार है जब ये देश एक साथ बैठक कर रहे हैं।
वहीं, अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता में भाग लेने के लिए रूस तालिबान को भी निमंत्रण देने जा रहा है। चीन, भारत, ईरान और पाकिस्तान की भागीदारी वाली यह अहम बातचीत 20 अक्टूबर को होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में रूस के दूत जामिर काबुलोव ने यह जानकारी रूसी पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में दी। काबुलोव से पूछा गया था कि क्या रूस इस अफगान वार्ता में कट्टरपंथी संगठन तालिबान के प्रतिनिधियों को निमंत्रण देने वाला है? इस सवाल का जवाब काबुलोव ने हां में दिया।
हालांकि, काबुलोव ने मॉस्को में होने वाली अफगान बैठक के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है। मॉस्को में होने वाली इस बैठक से पहले 12 अक्टूबर को अफगानिस्तान के मुद्दे पर ही जी-20 देशों का एक सम्मेलन होने वाला है।
इस सम्मेलन में तालिबान के सत्ता हासिल करने के बाद देश को मानवीय त्रासदी से बचाने पर चर्चा होनी है। इससे पहले मॉस्को मार्च में अफगानिस्तान पर एक और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की मेजबानी कर चुका है। इसमें रूस, अमरीका, चीन और पाकिस्तान ने हिस्सा लिया था।
इस कॉन्फ्रेंस के बाद जारी किए गए साझा बयान में अफगानिस्तान में लड़ रहे पक्षों से शांति समझौते और हिंसा कम करने की अपील की गई थी। इसी कॉन्फ्रेंस में तालिबान से मार्च से सितंबर के महीनों तक कोई हमला नहीं करने की अपील की गई थी। इसके बाद ही अमरीका ने अफगानिस्तान से 20 साल बाद अपने सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू की थी। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अफगानिस्तान के मानवीय संकट की ओर बढ़ने को लेकर चेताया था।
Published on:
10 Oct 2021 08:37 am
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