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अफगानिस्तान के लोग नहीं भूल पाएंगे भूकंप: 1450 से ज्यादा मौतें, 4000 जख्मी,6782 घर टूटे,अभी भी फंसे हैं लोग

Afghanistan earthquake 2025: अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में भूकंप से 1450 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों घायल हैं।

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भारत

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MI Zahir

Sep 04, 2025

Earthquake in Afghanistan

बरसात की तरह भूकम्प-भूस्खलन की मिलेगी सटीक चेतावनी(Photo - Washington Post)

Afghanistan earthquake 2025: अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए जबरदस्त भूकंप (Afghanistan earthquake) ने भारी तबाही मचाई है। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 1450 से ज्यादा पहुंच चुकी है। साथ ही, 4000 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार 6,782 से ज्यादा घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। राहत कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी भी कई दूरदराज इलाकों में फंसे लोगों तक मदद पहुंचाना चुनौती बना हुआ है। तालिबान प्रशासन के उप प्रवक्ता हामदुल्लाह फितरत ने बताया कि कुनार (Kunar province disaster) और नंगरहार प्रांतों में लगभग 4,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और करीब 6,782 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों (India humanitarian assistance) को निकालने के लिए मेहनत (Earthquake relief aid) कर रहे हैं, लेकिन राहत कार्य अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

भोजन और मेडिकल सुविधाओं की भारी कमी

भूकंप से प्रभावित लोग पानी, भोजन और मेडिकल सुविधाओं की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। तालिबान सरकार का दावा है कि कई परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है और दूर-दराज के इलाकों की सड़कें भी खोली जा रही हैं। कई विदेशी देशों से भी बचाव दल और राहत सामग्री पहुंचाई गई है।

राहत कार्य अभी भी धीमी गति से चल रहा

हालांकि, स्थानीय लोग और कई अंतरराष्ट्रीय राहत संगठन मानते हैं कि राहत कार्य अभी भी धीमी गति से और असमान रूप से चल रहा है। पहाड़ी इलाके और बुरी तरह तबाह इलाके होने के कारण सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।

भारत, जापान, ईरान और तुर्की ने भी सहायता भेजी

रेड क्रॉस, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन राहत कार्य में सक्रिय हैं। भारत, जापान, ईरान और तुर्की ने भी अफगानिस्तान को सहायता भेजी है। हालांकि, भारी भौगोलिक बाधाओं के कारण जरूरी राहत सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति में देरी हो रही है।

पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की अधिक संभावना

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप 31 अगस्त की रात 11:47 बजे आया था, जिसकी तीव्रता 6.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र आठ किलोमीटर की गहराई पर था। यह इलाका भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है क्योंकि यहां भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स मिलती हैं। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, जो बचाव कार्य को और कठिन बना देता है।

भारत ने टेंट भेजे,खाद्य सामग्री जल्द पहुंचा दी जाएगी

भारत ने भी अफगानिस्तान को राहत पहुंचाने में मदद की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को फोन कर संवेदना जताई। उन्होंने ट्वीट किया कि भारत ने काबुल में 1,000 परिवारों के लिए टेंट भेजे हैं और 15 टन खाद्य सामग्री जल्द ही कुनार प्रांत पहुंचा दी जाएगी। इसके अलावा और भी राहत सामग्री भेजने की योजना है।

अभी भी बहुत काम करना बाकी

बहरहाल इस भूकंप ने अफगानिस्तान में एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां तेजी से राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए अभी भी बहुत काम करना बाकी है।