
Firoza Amiri
दुनियाभर में क्रिकेट सबसे पॉपुलर खेलों में से एक है। पिछले कुछ साल में महिलाओं के क्रिकेट की पॉपुलैरिटी भी बढ़ी है। दुनिया के कई देशों में महिलाओं ने क्रिकेट में इंट्रेस्ट लेना शुरू कर दिया है। पर एक देश ऐसा भी है जहाँ एक समय पर महिला क्रिकेट की टीम तो होती थी, पर अब उस टीम के खेलना का कोई ठिकाना नहीं बचा। हम बात कर रहे हैं अफगानिस्तान (Afghanistan) की महिला क्रिकेट टीम की।
15 अगस्त, 2021 के दिन अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने एक बार फिर सत्ता पर कब्ज़ा जमा लिया था। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में लौटते ही सबकुछ बदल गया और देश की स्थिति भी बिगड़ने लगी। तालिबान के शासन का असर अफगानिस्तान में अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था और दूसरी सभी व्यवस्थाओं पर बहुत ही नकारात्मक रूप से पड़ा। तालिबान ने लोगों से उनके मानवाधिकार तक छीन लिए। पर अगर तालिबान के शासन में लौटने का सबसे बुरा असर किसी पर पड़ा, तो वो हैं अफगानिस्तान की महिलाएं। मानवाधिकारों के हनन के साथ ही अफगान महिलाओं पर कई तरह के बैन लगा दिए। इनमें महिलाओं के क्रिकेट और दूसरे खेल खेलने पर बैन भी शामिल था।
फिरोज़ा अमीरी की आईसीसी से गुहार
अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम की खिलाडी फिरोज़ा अमीरी (Firoza Amiri), जो इस समय ऑस्ट्रेलिया (Australia) में रह रही है, ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल - आईसीसी (International Cricket Council - ICC) से सवाल पूछते हुए मदद की गुहार लगाई है। फिरोज़ा ने आईसीसी से सवाल पूछा कि उन पर लगे बैन के बाद भविष्य में उनके खेलने के अवसरों पर आईसीसी का आधिकारिक रुख क्या है? फिरोज़ा ने यह भी पूछा कि महिलाओं के लिए आईसीसी ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को जो धनराशि दी है वो कहाँ है? साथ ही फिरोज़ा ने मदद की गुहार लगाते हुए उस धनराशि को ऑस्ट्रेलिया के किसी संगठन में पुनर्निर्देशित करने के लिए कहा जिससे ऑस्ट्रेलिया में रह रही अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम के खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सके और क्रिकेट में इंटरनेशनल लेवल पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सके।
आईसीसी में दिया जवाब
फिरोज़ा के सवाल और मदद की गुहार का आईसीसी ने भी जवाब दिया है। आईसीसी की तरफ से कहा गया कि वो हर देश के क्रिकेट बोर्ड का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी देश का अपने क्रिकेटर्स से कैसा संबंध रहता है यह बात उस देश के क्रिकेट बोर्ड पर निर्भर करती है। ऐसे में पुरुष और महिला क्रिकेट टीम को खेलने देने का अधिकार पूरी तरह से उस देश के क्रिकेट बोर्ड के पास है और आईसीसी इस बारे में कुछ नहीं कर सकता।
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Published on:
01 Sept 2023 06:53 pm
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