Iran-Israel War: अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों-फोर्डो, नटंज, और एस्फाहान पर किए गए सैन्य हमलों के बाद वैश्विक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। इस संदर्भ में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप करते हुए ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बातचीत की। इस चर्चा में पीएम मोदी ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए तनाव कम करने, संवाद, और कूटनीति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की है।
पीएम मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ ही हाल की तनावपूर्ण घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। मैंने तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलने तथा क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की जल्द बहाली के लिए हमारी अपील को दोहराया।"
ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने भारत के रुख के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बहाल करने में भारत की आवाज़ और भूमिका महत्वपूर्ण है।
अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि हमले के पीछे का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को बर्बाद करना था।
हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित किया और ईरान को कड़ी चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा, "ईरान के लिए या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमने देखी गई घटनाओं से कहीं ज़्यादा होगी।"
दूसरी ओर, ईरान ने इन हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। ईरान ने इजरायल के तेल अवीव और हाइफा शहरों पर मिसाइल हमले किए, जिससे कम से कम 86 लोग घायल हुए। इस बढ़ते संघर्ष ने मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया।
Published on:
22 Jun 2025 04:56 pm