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अमरीकाः प्रवासी भारतीयों के बच्चों को अब आसानी से मिलेगा ग्रीन कार्ड

अमरीका में ग्रीन कार्ड के लिए कतार में लगे हजारों भारतीयों ने अमरीकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा कुछ खास स्थितियों में गैर-नागरिक की आयु की गणना करने के लिए जारी किए गए नीतिगत परिवर्तन का स्वागत किया है।

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America change immigration policy

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वॉशिंगटन। अमरीका में ग्रीन कार्ड के लिए कतार में लगे हजारों भारतीयों ने अमरीकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा कुछ खास स्थितियों में गैर-नागरिक की आयु की गणना करने के लिए जारी किए गए नीतिगत परिवर्तन का स्वागत किया है। इस नए अपडेट के अनुसार अब अमरीका में चाइल्ड स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट में ग्रीन कार्ड के लिए बच्चे की आयु की गणना की नीति में बदलाव किया गया है। यूएससीआईएस द्वारा इस नीति में बदलाव से उन हजारों भारतीयों के बच्चों को लाभ होगा, जो उनके माता-पिता द्वारा उनके लिए दायर ग्रीन कार्ड आवेदन के अप्रूवल में लगने वाले समय के कारण 21 साल की उम्र सीमा से बाहर हो जाते हैं।

लंबित आवेदन के बीच में बच्चे हो जाते थे उम्र बाहर
अमरीका में एक बच्चे को अपने माता-पिता की याचिका के आधार पर वैध स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त करने के लिए उसकी उम्र आम 21 वर्ष से कम होना चाहिए। लेकिन कई बार आप्रवासन प्रक्रिया के दौरान माता-पिता की याचिका के आधार पर वीजा उपलब्धता खुलने तक बच्चा 21 साल से अधिक हो जाता है। इस तरह से बच्चे के पास माता-पिता के साथ अमरीका में प्रवास करने का अधिकार नहीं रह जाता और उसे डिपोर्ट किया जा सकता है।

बेहतर होगा अमरीकी सपना
'इम्प्रूव द ड्रीम' के संस्थापक दीप पटेल ने सोशल मीडिया पर बताया है कि लंबे समय से इस तरह की नीति परिवर्तन की मांग की जा रही थी। पटेल के अनुसार, अब प्रशासन कानूनन बच्चे की आयु निर्धारित करने के लिए आवेदन के फाइलिंग चार्ट की तारीख का उपयोग करेगा। इस तरह इस नए संशोधन के आधार पर किसी भी पूर्व में अस्वीकृत याचिका को फिर से खोला जा सकता है। अब तक आव्रजन अधिकारी ग्रीन कार्ड वीजा के लिए वीजा खुलने की दिनांक के आधार पर बच्चे की उम्र की गणना करते थे। लेकिन कई बार वीजा की तारीख मिलने तक माता-पिता पर निर्भर बच्चे की उम्र 21 वर्ष से अधिक हो जाती थी। पटेल के अनुसार इस नीति बदलाव से अब अमरीकन ड्रीम और बेहतर हो जाएगा।

बाइडन नियुक्त आयोग ने की थी सिफारिश
राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नियुक्त एशियन अमरीकन नैटिव हवाईयन एंड पैसिफिक आइलैंडर्स कमीशन और अन्य अधिकार समूहों ने हाल में ग्रीन-कार्ड आवेदकों के बच्चों के लिए इस नीति में बदलाव की सिफारिश की थी। आयोग की सिफारिशों में कहा गया है कि उन बच्चों को ग्रीन कार्ड की अनुमति देनी चाहिए जो अपने माता-पिता के नियोक्ताओं द्वारा दायर वीजा याचिका के आधार ग्रीन कार्ड आवेदन प्राथमिकता से बाहर हो चुके हैं।

करीब ढाई लाख बच्चे होंगे लाभान्वित
भारत समेत सभी अप्रवासी समूहों ने इस बात पर संतोष जाहिर किया है कि यूएससीआईएस नीति में यह बदलाव तुरंत प्रभावी है और लंबित आवेदनों पर लागू होता है। इसलिए, लंबित आवेदन वाले कुछ गैर-नागरिक अब इस परिवर्तन के आधार पर 21 वर्ष से कम आयु गणना में ग्रीन कार्ड के अधिकारी हो जाएंगे। अधिकारिक आंकडों के अनुसार, अप्रैल 2020 तक 253,293 बच्चे अपने माता-पिता के रोजगार-प्रायोजित वीजा के आधार पर ग्रीन कार्ड की कतार में थे। दीप पटेल ने बताया कि इससे लाभान्वित होने वाला सबसे बड़ा समूह भारतीय समुदाय का है।