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POK में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, आज़ादी माग रहे लोगों पर पाक सेना ने चलाईं गोलियां, दो मरे

पिछले 24 घंटों में पीओके में 'मौलिक अधिकारों के हनन' के मुद्दे पर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ परिवहन सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं।

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भारत

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Siddharth Rai

Sep 30, 2025

पाक सेना ने पीओके में आजादी मांगते लोगों पर चलाईं गोलियां (Photo - ANI)

पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान सोमवार को हुई हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई और 22 घायल हो गए। यहां पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस समर्थित हथियारबंद गुंडे बुनियादी अधिकारों की मांग कर रहे नागरिकों पर गोलीबारी करते देखे गए। गौरतलब है कि सोमवार को इस्लामाबाद से यहां 1000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई थी और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

सामने आ रहे वीडियो में कुछ लोग अंधाधुंध हवा में गोलियां चलाते दिख रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपनी आजादी मांगते झंडे लहराते हुजुम में आगे बढ़ते दिख रहे हैं। दूसरे वीडियो में एक प्रदर्शनकारी मुट्ठी भर चली हुई गोलियां दिखा रहा है। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में पीओके में 'मौलिक अधिकारों के हनन' के मुद्दे पर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ परिवहन सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं।

सबसे बड़ा प्रदर्शनः प्रदर्शनकारियों ने रखी हैं 38 मांगें

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) द्वारा सोमवार को पूरे क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिए जाने के बाद अब इस क्षेत्र में हाल के इतिहास का सबसे यह बड़ा विरोध प्रदर्शन है। प्रदर्शनकारियों ने शटर डाउन यानी बंद के साथ चक्का जाम का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारियों ने 38 माँगें शहबाज सरकार के समक्ष रखी हैं, जिनमें पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए पीओके विधानसभा में आरक्षित 12 सीटों को खत्म करना भी शामिल है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि इससे प्रतिनिधि शासन व्यवस्था कमजोर होती है। अन्य प्राथमिकताओं में सब्सिडी वाला आटा, मंगला जलविद्युत परियोजना से जुड़ी उचित बिजली दरें और इस्लामाबाद द्वारा लंबे समय से लंबित सुधारों का कार्यान्वयन शामिल है।

वार्ता विफल होने के बाद बढ़ाई गई सैन्य तैनाती

पीओके में सुरक्षा बलों की यह भारी तैनाती एएसी वार्ताकारों, पीओके प्रशासन और संघीय मंत्रियों के बीच लंबी वार्ता के नाटकीय रूप से विफल होने के बाद की गई है। 13 घंटे बाद यह वार्ता तब विफल हो गई जब समिति ने अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों और शरणार्थी सभा सीटों को समाप्त करने पर समझौता करने से इनकार कर दिया। आवाम मोर्चा के एक प्रमुख नेता शौकत नवाज मीर ने घोषणा की, बातचीत अधूरी और अनिर्णायक रही, और उन्होंने बंद को जारी रखने का संकल्प लिया।