डेनमार्क में रह कर हिन्दी साहित्य (Hindi literatutre) में भारत का नाम रोशन करने वाली प्रवासी भारतीय साहित्यकार अर्चना पैन्यूली की रचनाओं में एक अलग परिवेश नजर आता है। उनके लेखन में स्कॅन्डिनेविया प्रायद्वीप, डेनमार्क – में मानव जीवन और सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था प्रमुखता से जानने-समझने का अवसर मिलता है। उनकी रचनाएं संभावित वैश्विक अपील के साथ भारत उप महाद्वीप से एक मजबूत संबंध रखती हैं। डेनमार्क में हिन्दी और भारतीय संस्कृति के सरंक्षण की दिशा में भी अर्चना पैन्यूली ने सारगर्भित शोध लेख लिखे हैं। पेश है उनकी कहानी:
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अर्चना पैन्यूली का प्रारंभिक जीवन भारत के उत्तरप्रदेश में बीता। उनके माता-पिता मूलतः हिमालय पर्वतीय प्रदेश, गढ़वाल के निवासी थे, मगर जीविकोपार्जन के सिलसिले में पिता से पहाड़ छूट गया। पिता स्व महीधर देवली राज्य उत्तरप्रदेश एक्साइज डिपार्टमेंट में अधिकारी थे। उन दिनों पिता की पोस्टिंग कानपुर में होने की वजह से अर्चना पैन्यूली का जन्म 17 मई 1963 में कानपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ। बाद में परिवार देहरादून में बसने से अर्चना पैन्यूली की शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई। एम.के.पी. पोस्ट्ग्रेजुएट कालेज, देहरादून से बी.एससी.; डी.ए.वी. पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, देहरादून से एम.एससी. और गढ़वाल विश्वविद्यालय, परिसर टिहरी, टिहरी गढ़वाल कैम्पस से बी.एड. की पढ़ाई की।
• कैराली मसाज पार्लर - अंग्रेजी अनुवाद (यूकियोतो पब्लिकेशन्स 2023)
• कैराली मसाज पार्लर – कन्नड़ अनुवाद (अंकिता पब्लिकेशन्स 2023)
• कैराली मसाज पार्लर – मराठी अनुवाद (प्रकाशनार्थ)
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• डेनमार्क में सम्मान-
- इंडियन कल्चरल सोसाइटी, डेनमार्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस समारोह पर ‘प्राइड आफ इंडिया’ सम्मान से सम्मानित(अगस्त 2011)।
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Published on:
15 Mar 2024 05:05 pm