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Artificial Intelligence : कहीं इन्सान को गुलाम न बना ले AI, कुदरती अक्ल को अलग ही रहने दें

Artificial Intelligence News In Hindi : हमने प्रवासी भारतीय साहित्यकार सुधा ओम ढींगरा ( Sudha Om Dhingra) से अमरीका के नार्थ कैरोलाइना ( North Carolina) के एक खूबसूरत शहर शारलॉट (Charlotte) से आर्टिफिशियल इंटेजलीजेंस (Artificial Intelligence) विषय पर सीधी बात।

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Artificial Intelligence News In Hindi : हमने प्रवासी भारतीय साहित्यकार ( NRI Writer) सुधा ओम ढींगरा ( Sudha Om Dhingra) से अमरीका के नार्थ कैरोलाइना ( North Carolina) के एक खूबसूरत शहर शारलॉट (Charlotte) से आर्टिफिशियल इंटेजलीजेंस ( Artificial Intelligence) विषय पर सीधी बात। प्रवासी भारतीय साहित्यकार सुधा ओम ढींगरा ( Sudha Om Dhingra) से अमरीका के नार्थ कैरोलाइना ( North Carolina )के एक खूबसूरत शहर शारलॉट से आर्टिफिशियल इंटेजलीजेंस विषय पर उनके विचार प्रस्तुत हैं।

तकनीकी युग की एक अद्भुत देन

Artificial Intelligence Literature In Hindi : कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) आज के तकनीकी युग की एक अद्भुत देन है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) से कोई प्रश्न पूछा जाए तो हर कोण से सोच कर पूरे शोध के साथ उसका उत्तर दिया जाता है। बड़ा ताज्जुब होता है। कभी-कभी मानव को यह भी सोचवा दिया जाता है या सोचने के लिए वे बिंदु दिये जाते हैं, जहाँ मानव मस्तिष्क पहुँच नहीं पाता या जो उसकी सोच से छूट गए होते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता लोगों को सोने की खान की तरह लगती है।

तरह-तरह के विषयों पर अलग-अलग जानकारियाँ

Indian Diaspora News In Hindi : मानव मस्तिष्क की यह नई-नई खोज है। खूब प्रयोग किये जा रहे हैं। तरह-तरह के विषयों पर अलग-अलग जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। जिस तरह अंतर्जाल के आने से डायरियाँ और चिट्ठियाँ गुम हो गईं, उनके साथ ही वे सरल-तरल भावनाएँ, अभिव्यक्तियाँ, संवेगों से भीगे शब्द, आँखों से टपके आँसुओं से धुँधलाए शब्द, डायरियों में पड़े सूखे फूल भी अंतर्जाल के जाल में उलझ कर रह गए। अब अंतर्जाल से चिट्ठी अगर लिखी भी जाती है, तो बड़ी औपचारिक सी। उससे भी अधिक औपचारिकता व्हाट्सएप की चिट्ठियों में होती हैं। विकास किसे अच्छा नहीं लगता! पर डर इस बात का लगता है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहीं मनुष्य की मौलिकता और बुद्धिमत्ता को ही न हरण ले।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर बहुत काम हो रहा

America News In Hindi : अमरीका के विश्वविद्यालयों में आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) पर बहुत काम हो रहा है। विश्व का कोई ऐसा विषय नहीं, जिस पर कोर्स (Course) तैयार नहीं हो रहे। एम बी ए (MBA) और बिज़नेस मैनेजमेंट (Business Management) में तो विशेष कार्य हो रहा है, कंपनियों में जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के ज्ञाता नहीं होंगे या जिनमें क्रिएटिविटी (Creativity) नहीं होगी, उनके लिए काम नहीं होगा। वैसे इसका उछाल आते ही बहुत-सी नौकरियाँ उपलब्ध करवाई जाएँगी।

लाभ-हानि पर भी बहुत बात हो चुकी

Artificial Intelligence on Social Media : अंतर्जाल और सोशल मीडिया (Social Media) पर तो मैं बहुत बार लिख चुकी हूँ, उसके लाभ-हानि पर भी बहुत बात हो चुकी है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) इंसानी मन के भावों को समझती हुई जब मस्तिष्क की सोच तक भी पहुँच जाएगी तो मानव का अपना कुछ नहीं रह जाएगा। अगर खुराफ़ाती लोग (Mischievous People) इसमें अधिक सक्रिय हो गए, तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, क्या हो सकता है?

शोध बिल्कुल मौलिक होता है

NRI News In Hindi : यहाँ तो विज्ञान की पत्रिकाएँ (Science Magazines) इस तकनीक से हर लेख को परखने लगी हैं, कहीं किसी ने किसी से कोई हिस्सा चुरा तो नहीं लिया। क्या लेख मौलिक है? या उसके कुछ अंश किसी और लेख से उठाए गए हैं। क्योंकि विज्ञान में शोध (Research) होता है और शोध बिल्कुल मौलिक होता है। उस पर लिखे गए लेख भी शुद्ध मौलिक होने चाहिए।

नई बीमारियों जो फ़ैल गई हैं

Indian Diaspora News In Hindi : वैज्ञानिक तो इस तकनीक से यह भी ढूँढने की कोशिश कर रहे हैं, कि कैसे पुरानी दवाइयों से नई पैदा हो रहीं या नई बीमारियों जो फ़ैल गई हैं, को ठीक किया जा सकता है! इस तकनीक से दुनिया भर में हर विषय की जानकारी ली जा सकती है। निर्भर यह करता है कि विचारों और सोच को इस तकनीक के माध्यम से कैसे प्रयोग में लाया जा सकता है? इसका उदाहरण हाल ही में मिला और इस विषय पर लिखने की ज़रूरत महसूस हुई।

एक नए लेखक की कहानी आई

World Literature News In Hindi : हुआ यूँ, विभोम-स्वर (Vibhom-Swar) के लिए अनगिनत कहानियाँ छपने के लिए आती हैं। त्रैमासिक पत्रिका (Quarterly Magazine) है और हर तीन महीने बाद खूब कहानियाँ पढ़ती हूँ। इस बार एक नए लेखक की कहानी आई। उस कहानी का क्राफ्ट (Story Craft) मुझे अजीब लगा। कहानीकार प्रथम पुरुष, द्वितीय और तृतीय पुरुष का अंतर भी नहीं जानता, कहानी पढ़ कर ऐसा महसूस हुआ। लगता था कई लोगों ने अपने विचार देकर कहानी लिखी है, पर उन्हें कहानी का मूल तत्व ही नहीं मालूम। कहानी लिखना भी एक कला है। वह कला गायब ही थी। मैंने कहानी लौटा दी तो उस लेखक ने बड़ी शान से लिखा कि उसके विचारों और सोच को कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने कहानी का बाना पहनाया और आपको कहानी पसंद नहीं आई।

Hindi Literature News In Hindi : महसूस हुआ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) और प्राकृतिक बुद्धिमत्ता ( Natural Intelligence) का अंतर तो हमेशा रहेगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए बनाई है। अपने जीवन को आसान करने के लिए। सोशल मीडिया (Social Media) के प्रति जिस तरह लोग सतर्क रहते हैं, उसी तरह इसके प्रति भी सतर्क रहना पड़ेगा, कहीं ऐसा न हो कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्वाभाविक , असली और प्राकृतिक बुद्धिमत्ता को निगल जाए और कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) विश्व को चलाने लगे। हर नई तकनीक कुछ देती है तो कुछ लेती भी है। विकास आगे बढ़ाता है तो पीछे भी बहुत कुछ छूट जाता है। देखते हैं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) भविष्य के गर्भ में मानव की झोली में क्या डालती है ? क्या परिणाम सामने आते हैं ?

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सुधा ओम ढींगरा : एक नजर

Hindi Literature in America News in Hindi: अमरीका में रह कर हिन्दी भाषा और साहित्य की सेवा करने वाली विश्व हिन्दी साहित्य की मशहूर प्रवासी भारतीय साहित्यकार सुधा ओम ढींगरा (Sudha-Om-Dhingra) किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनका जन्म 7 सितम्बर को पंजाब के जालंधर में हुआ। वे पीएच.डी हैं। उनका साहित्यिक योगदान विशिष्ट व उल्लेखनीय है। अमरीका की प्रसिद्ध पत्रिका ‘मोर्रिस्विलनाओ ‘पत्रिका ने अपने Spotlight Section (2008) में सुधा ओम ढींगरा की उपलब्धियों पर एक इंटरव्यू प्रकाशित किया। उनकी विशेषज्ञता,प्रवीणता व रुचि का क्षेत्र है अभिनय। बहुत सारा साहित्य लिखने के साथ ही वो टीवी, रेडियो और स्टेज की कलाकार हैं।सुधा ओम ढींगरा अमरीका में हिन्दी नाटकों के निर्देशन, मंचन और अभिनय में विशेष रुचि रखती हैं।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ

दो उपन्यास, आठ कहानी संग्रह, तीन कविता संग्रह, एक निबंध संग्रह, बारह संपादित पुस्तकें और दो पुस्तकों का सह-संपादन। 150 पुस्तकों में साहित्यिक सहयोग। हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में तकरीबन 1000 कहानियाँ, कविताएँ और आलेख प्रकाशित। साहित्य पर आठ आलोचना ग्रन्थ, छह शोध ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं। असामी, पंजाबी, मराठी, मलयालम और अंग्रेज़ी में कहानी संग्रह अनूदित। अमरीका और भारत के कई विश्वविद्यालयों में कहानियाँ और कविताएँ पढ़ाई जाती हैं।
सम्मान-केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से 2016 का ‘पद्मभूषण डॉ.मोटूरि सत्यनारायण हिन्दी सेवी सम्मान’ राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में दिया। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ की ओर से सन 2013 में ‘हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान’ दिया गया।
संप्रति:प्रमुख संपादक- त्रैमासिक पत्रिका’विभोम-स्वर’, संरक्षक व सलाहकार संपादक-‘शिवना साहित्यिकी’।
उपाध्यक्ष और सचिव-ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउंडेशन।

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