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म्यांमार में बौद्ध फेस्टिवल के दौरान सेना ने अपने ही लोगों पर किया हमला, पैराग्लाइडर ने फेंके दो बम, 24 की मौत

यह दर्दनाक घटना तब हुई जब लगभग 100 लोग थाडिंगयूट उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। यह उत्सव म्यांमार में एक नेशनल हॉलिडे के रूप में मनाया जाता है और इसका बौद्ध धर्म में काफी महत्व है। स्थानीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि पैराग्लाइडर ने भीड़ के ऊपर दो बम गिरा दिए।

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भारत

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Siddharth Rai

Oct 08, 2025

पैराग्लाइडर ने भीड़ पर दो बम गिराए (photo - IANS)

म्यांमार के चाउंग यू टाउनशिप से एक दिल देहला देने वाली घटना सामने आई है, यहां बौद्ध फेस्टिवल के दौरान एक मोटर-पावर्ड पैराग्लाइडर ने भीड़ पर दो बम गिराए हैं। जिसके चलते कम से कम 24 लोग मारे गए और 47 घायल हुए हैं। बीबीसी के निर्वासित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) के एक प्रवक्ता ने इस घटना की जानकारी दी है।

पैराग्लाइडर ने भीड़ के ऊपर दो बम गिराए

यह दर्दनाक घटना तब हुई जब लगभग 100 लोग थाडिंगयूट उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। यह उत्सव म्यांमार में एक नेशनल हॉलिडे के रूप में मनाया जाता है और इसका बौद्ध धर्म में काफी महत्व है। स्थानीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि पैराग्लाइडर ने भीड़ के ऊपर दो बम गिरा दिए।

पिछले चार साल से चल रहा है गृहयुद्ध

उत्सव के दौरान एक मौन प्रकाश प्रदर्शन के रूप में सेना के नीतियों के खिलाफ विरोध भी आयोजित किया गया था। म्यांमार में 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट के बाद से गृहयुद्ध चल रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, इस गृहयुद्ध में 5,000 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है।

थाडिंगयूट उत्सव में हुआ हमला

पीपल्स डिफेंस फोर्स (PDF) के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि उन्हें थाडिंगयूट उत्सव में संभावित हवाई हमले की सूचना मिली थी। उनकी टीम ने विरोध को समाप्त करने के लिए मौके पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पैरामोटर्स उनसे पहले ही समारोह स्थल पर पहुँच गए।

सेना ने अपने ही लोगों पर किया हमला

अधिकारी ने बताया, "वे आए और केवल सात मिनट में दो बम गिरा दिया। जब पहला बम गिरा, मैं ज़मीन पर गिर गया, लेकिन यह मेरे घुटने के निचले हिस्से पर लगा। मेरे पास ही कुछ लोग मारे गए।" अमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सेना द्वारा मोटराइज्ड पैराग्लाइडर का उपयोग समुदायों पर हमले के लिए किया जाना एक चिंताजनक प्रवृत्ति है। रिपोर्ट में पहले ही कहा गया था कि सेना विमानों और हेलीकॉप्टरों की कमी के कारण पैरामोटर्स का बढ़ता उपयोग कर रही है।