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कनाडाई नागरिकता से वंचित लोगों के लिए मददगार होगा सी-3 बिल, जानिए कैसे

हाल ही में कनाडा में आया नागरिकता बिल सी-3, कनाडाई नागरिकता से वंचित लोगों के लिए मददगार हो सकता है। कैसे? आइए जानते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Jun 10, 2025

Canadian flag and passport

Canadian flag and passport (Representational Photo)

कनाडा में हाल ही नया नागरिकता बिल सी-3 लाया गया है। यह बिल ऐसे समय में लाया गया है, जब इसी महीने कनाडा में 51वां जी-7 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। 15 से 17 जून को होने वाले इस सम्मेलन में भारत सहित दुनिया के शीर्ष देशों के बड़े नेता भाग लेंगे। यह संभव है कि इस दौरान कनाडा के नए नागरिकता बिल पर चर्चा हो सके। ऐसे में जानना ज़रूरी है कि नागरिकता बिल सी-3 क्या है और इससे भारतीयों पर क्या असर होगा? आइए नज़ार डालते हैं।

क्या है सी-3 बिल?

सी-3 बिल में उन व्यक्तियों की कनाडाई नागरिकता को बहाल करने का प्रस्ताव है, जिन्होंने पुराने प्रावधानों के कारण अपनी नागरिकता खो दी थी या उन्हें इससे वंचित कर दिया गया था। इस बदलाव से हज़ारों लोगों को फायदा होगा। विशेष रूप से अप्रवासी समुदायों को, जिसमें भारतीय मूल के निवासी और कनाडाई मूल के कुशल विदेशी कर्मचारी शामिल हैं।

कैसे आसान होगी नागरिकता?

सी-3 बिल न केवल नागरिकता संबंधी पिछली खामियों को दुरुस्त करेगा, बल्कि भविष्य की रूपरेखा तैयार करेगा। बिल के तहत विदेश में जन्मे कनाडाई माता-पिता अपने बच्चों को अपनी नागरिकता दे सकते हैं, भले ही वो बच्चे भी विदेश में पैदा हुए हों। इसके लिए सिर्फ बच्चे के जन्म या गोद लिए जाने से पहले उनकी कनाडा में तीन साल की मौजूदगी ज़रूरी है।


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मौजूदा कानून से कैसे बेहतर है?

वर्तमान नागरिकता कानून में कनाडा के बाहर जन्मे बच्चे को कनाडाई माता-पिता तभी कनाडाई नागरिकता दे सकते हैं, जब वो कनाडा में पैदा हुए हों या वहाँ के नागरिक बने हो। इससे कनाडा से बाहर जन्मे और वंश के माध्यम से नागरिकता प्राप्त कनाडाई अपने बाहर जन्मे बच्चे को नागरिकता नहीं दे सकते थे। अब वो ऐसा कर पाएंगे, बशर्ते कि बच्चे के जन्म से पहले उन्होंने कम से कम 1095 दिन कनाडा में बिताए हो।

भारतीय मूल के लोगों को होगा फायदा

कनाडा में लगभग 18 लाख भारतीय मूल के लोग और 10 लाख आप्रवासी भारतीय रहते हैं। नए विधेयक में वंश की बजाय निवास की अवधि के आधार पर नागरिकता का प्रावधान है, जिससे बड़ी संख्या में भारतीयों की नागरिकता का सपना पूरा होगा।

कब कानून बनेगा यह बिल?

यह बिल अब विधायी समीक्षा के अधीन है, इसे कानून बनने से पहले तीन बार पढऩा होगा और इसके बाद शाही स्वीकृति लेनी होगी। ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस ने संघीय सरकार को मौजूदा कानून को संशोधित करने के लिए 20 नवंबर, 2025 तक का समय दिया है। ऐसा न करने पर कोर्ट इसे रद्द कर सकता है।

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