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भारतीय छात्रों का 40% वीजा आवेदन कनाडा कर देता है खारिज, कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Why canada rejects indian students visa applications: कनाडा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 50 फीसदी वीजा के आवेदनों को खारिज कर दे रहा है। खरिज किए जाने वाले वीजा आवेदनों में सबसे ज्यादा भारतीयों के होते हैं।

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अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 50 फीसदी से अधिक वीजा आवेदनों को कनाडा अस्वीकार कर रहा है। इसमें भी सबसे अधिक वीजा आवेदन भारतीय छात्रों के खारिज किए जा रहे हैं। कनाडाई मीडिया ने हाल में एक विश्लेषण जारी किया है, जिसके अनुसार भारतीय छात्रों के 40 फीसदी तक वीजा आवेदन कनाडा के आव्रजन अधिकारियों द्वारा बिना किसी कारण के खारिज किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि ये वह छात्र हैं जिनको विचाराधीन शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल चुका था। लेकिन वीजा खारिज कर दिए जाने के कारण अब कनाडा के सैकड़ों शिक्षण संस्थान हजारों अतंरराष्ट्रीय छात्रों से वंचित रह जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पब्लिक विश्वविद्यालयों की तुलना में पब्लिक कॉलेज और निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए वीजा आवेदनों को सबसे अधिक खारिज किया गया।

ओंटारियो में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2022 और 30 अप्रैल, 2023 के बीच आव्रजन विभाग ने 866,206 अध्ययन वीजा आवेदकों में से 54.3 प्रतिशत या 470,427 आवेदकों को ही मंजूरी दी। रिपोर्ट के अनुसार, ओंटारियो में सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र अध्ययन के लिए आते हैं। यहां 1335 शिक्षण संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अध्ययन के लिए अधिकृत किया गया है लेकिन अरबों डॉलर की इंडस्ट्री बन चुकी इस पूरी सेकेंडरी शिक्षा प्रणाली की इस बात के लिए आलोचना की जा रही है कि यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों का शोषण कर रही है जो कि यहां अध्ययन करने और फिर स्थाई रूप से बसने का सपना लेकर आते हैं।

वीजा खारिज करने की नहीं कोई ठोस वजह

रिपोर्ट के अनुसार, भारत से आने वाले लगभग 40 प्रतिशत छात्र वीजा आवेदनों को 'अन्य' या 'अनिर्दिष्ट' कारणों से अस्वीकार किया गया। कनाडा स्थित एक गैर-लाभकारी मीडिया संगठन, इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म फाउंडेशन ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र भारत से आते हैं। दिसंबर तक कनाडा में भारत के लगभग 320,000 छात्र स्टडी वीजा पर थे।

भारत के सबसे अधिक वीजा आवेदन खारिज

कनाडा के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म फाउंडेशन के अनुसार से भारत के अब तक कुल 845,810 छात्र वीजा खारिज किए गए। इनमें से 336,251 वीजा बिना किसी स्पष्ट कारण के खारिज किए गए। इसके तुलना में चीन के अब तक कुल 145896 छात्र वीजा आवेदन खारिज किए गए। इसमें से मात्र 4893 आवेदन बिना किसी कारण के खारिज किए गए।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों से पैदा होते हैं दो लाख नौकरियां

रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में लगभग 22 बिलियन डॉलर का योगदान देते हैं। ये अंतरराष्ट्रीय छात्र स्थानीय छात्रों की तुलना में पांच गुना तक फीस चुकाते हैं। इतना ही नहीं, अपने खर्च और ट्यूशन फीस के माध्यम से इनके जरिए कनाडा में दो लाख नौकरियां पैदा होती हैं। प्रांतीय सरकारों की ओर से शिक्षण संस्थानों को मिलने वाली मदद में कमी के कारण शैक्षणिक संस्थानों ने एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत के रूप में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की ओर रुख किया है। नियोक्ता विभिन्न उद्योगों में कम वेतन वाले पदों को भरने के लिए इन छात्रों पर भरोसा करने लगे हैं। हालांकि, मौजूदा किफायती आवास संकट और रहने की बढ़ती लागत के कारण, कई अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को रोजगार और पर्याप्त आश्रय खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

छात्र वीजा प्रणाली खो चुकी विश्वसनीयता

संबंधित शिक्षण संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अध्ययन के लिए अधिकृत करने वाले प्रांतों पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि वे वास्तव में इस योग्य संस्थान हैं, जिनके लिए वीजा जारी किए जाना चाहिए। मौजूदा समय में यह पूरी प्रणाली अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इसमें फिर से भरोसा जगाने की जरूरत है।
-मार्क मिलर, आव्रजन मंत्री, कनाडा

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